भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही तीन नई पहल

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही तीन नई पहल

मतदाता सूचियों के अद्यतन के लिए मृत्यु पंजीकरण का इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्राप्त करना

बीएलओ को मानक फोटो मिलेगा पहचान पत्र

वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप को और भी अधिक मतदाता अनुकूल बनाना

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भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों की सटीकता में सुधार लाने और मतदान प्रक्रिया को नागरिकों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से तीन नई पहल की है। ये उपाय भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार द्वारा इस वर्ष मार्च में चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू एवं डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की गई पहलों के अनुरूप हैं।

निर्वाचन आयोग अब भारत के महापंजीयक से मृत्यु पंजीकरण डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा, जो कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (2023 में संशोधित) की धारा 3(5)(बी) के अनुरूप है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत मौतों के बारे में समय पर जानकारी मिले। इससे बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी फॉर्म 7 के तहत औपचारिक अनुरोध का इंतजार किए बिना फील्ड विजिट के जरिए जानकारी को फिर से सत्यापित कर सकेंगे।

मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) को और अधिक मतदाता अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन को संशोधित करने का भी फैसला किया है। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी, फ़ॉन्ट का आकार बढ़ाया जाएगा, जिससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना आसान हो जाएगा और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नाम को कुशलतापूर्वक ढूंढना आसान हो जाएगा।

आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान नागरिक बीएलओ को पहचान सकें और उनके साथ विश्वासपूर्वक बातचीत कर सकें। चुनाव संबंधी कर्तव्यों के निष्पादन में मतदाताओं और ईसीआई के बीच पहले इंटरफेस के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर जाकर काम करने के दौरान बीएलओ को जनता आसानी से पहचान सके।