रांची : सरकार का तुगलकी फरमान, कोरोना से या आर्थिक संकट से निबटने की तैयारी!

कोरोना काल पूरे देश में कहर बरपा रहा है। झारखंड राज्य में कोरोना के संक्रमण की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर एक लाख आर्थिक दंड के साथ-साथ दो साल की कैद की सजा पर मुहर लगाई है।

राजधानी में बुधवार को सरकार ने जो फैसला लिया वो अपने आप में अनोखा फैसला है। ऐसा फैसला जो अब तक के किसी राज्य की सरकार ने नहीं सुनाया है। जानकार बताते हैं कि, आपराधिक मामलों को छोड़कर अब तक का यह आमलोगों के लिए सबसे बड़ा आर्थिक दंड है। आर्थिक विशेषज्ञ इस फैसले से आम जन को हतप्रभ बता रहे है।

हद हो गई मुख्यमंत्री जी !

मुख्यमंत्री जी जिन गरीब-गुरबों के मसीहा बनने की वकालत करते हैं, तनिक भी इस फैसले को लेने के पहले राज्य के गरीब जनता का ख्याल नहीं आया। बल्कि हम नहीं झारखंड की आम जनता की पीड़ा बयां कर रही है। झारखंडवासियों की आधी से अधिक आबादी की मासिक आमदनी भी एक लाख रुपये नहीं है। इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि कोरोना काल की मौत से जितना डर नहीं लग रहा है, उतना सरकार के तुगलकी फरमान से… उतनी सरकार के तुगलकी फरमान से…

कानून तो कानून होता है, कानून का सम्मान हर व्यक्ति की सर आंखों पर होता है। मुख्यमंत्री जी हम आपकी बात की कद्र करते हैं। हरेक झारखंडवासी कोरोना काल से मुक्त होने की कामना कर रहा है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले से झारखंडवासियों को राहत मिलेगी या जुर्माने के सदमे से मौत।

किसी भी बीमारी को संक्रामक रोग घोषित करने और बनाए गए कोरोना नियमों का पालन कराने के लिए राज्य में कोई कानून नहीं है। इस कोरोना काल के दरमियान बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में झारखंड की हेमंत सरकार ने ‘झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश- 2020’ को मंजूरी दे दी है।

इसके तहत राज्य सरकार द्वारा संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए समय-समय पर जारी किए जानेवाले आदेशों के उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक की कैद और एक लाख रुपए तक की जुर्माने का प्रावधान किया गया है।