रांची। दस लाख का ईनामी नक्सली प्रमाणिक ने किया सरेंडर

रांची। झारखंड पुलिस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल करते हुए 10 लाख के ईनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक को सरेंडर करा लिया। महाराज प्रमाणिक को लंबे समय से पुलिस को तालाश थी। महाराज के सरेंडर करने से पुलिस को नक्सलियों के बारे में कई सुराग भी मिले हैं, जिसपर पुलिस तेजी से काम कर रही है। हलांकि इस बात की भी चर्चा थी कि सरेंडर करने के छह माह पहले ही वह संगठन से बाहर हो गया था। आपसी विवाद के कारण प्रमाणिक ने नक्सल संगठन छोड़कर पुलिस के संपर्क में आ गया था। बाद में पुलिस ने उसे सरेंडर कराने में सफलता हांसिल कर ली। प्रमाणिक के पास से एके-47 के साथ साथ भारी मात्रा में गोली-बारूद भी बरामद किए गए हैं।

 

हालांकि पुलिस प्रमाणिक को सरेंडर कराकर एक बड़ी सफलता मान रही है। पुलिस का कहना है कि लगातार नक्सलियों की कमर तोड़ी जा रही है। सरकार की तरफ से जारी सरेंडर पॉलिसी को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित किय. जा रहा है, जिससे नक्सली मुख्यधारा में जुड़ने को तैयार हैं। महाराज प्रमाणिक पर कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के साथ साथ कई पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप है।

 

उसने आईजी अभियान एवी होमकर और रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज के सामने एके-47 के साथ आत्मसमर्पण किया। महाराज प्रमाणिक    सीपीआइI(माओ) के केंद्रीय कमिटी सदस्य अनल उर्फ रमेश दा की टीम का सक्रिय सदस्य था। इतना ही नहीं यह नक्सली संगठन में मारक दस्ता का रीढ़ कहा जाता था। संगठन में इसके जोनल कमांडर का दर्जा दिया गया था। इस पर झारखंड के विभिन्न थानो में 120 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसके हमले में कई पुलिस के जवान शहीद हुए हैं।

 

तीन महीने में 4 नक्सली पहले ही कर चुके हैं सरेंडर
1. बैलुन सरदार
2. गाजू उर्फ सूरज सरदार
3.रायमुनी कुमारी उर्फ गीता मुंडा
4. प्रकाश गोप