आजसू की घोषणाः गिरिडीह सीट से चंद्रप्रकाश चौधरी लड़ेंगे

• आजसू की घोषणाः गिरिडीह सीट से चंद्रप्रकाश चौधरी लड़ेंगे
• संसदीय बोर्ड की बैठक में नाम पर मुहर
• सुदेश महतो ने कहा, एनडीए सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगा

रांची। गिरिडीह संसदीय सीट से आजसू ने एक बार फिर चंद्रप्रकाश चौधरी को मैदान में उतारा है। आज संसदीय बोर्ड की बैठक में विचार विमर्श के बाद उनके नाम पर सहमति प्रदान की गई। भाजपा ने गठबंधन के तहत गिरिडीह की सीट आजसू के लिए छोड़ी है। इससे पहले 2019 के चुनाव में चंद्रप्रकाश चौधरी ने गिरिडीह में चुनाव जीता था।

संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि चंद्र प्रकाश चौधरी ने जनता की सेवा के साथ गिरिडीह संसदीय क्षेत्र का विकास किया है। विकास का एजेंडा लेकर हम फिर जनता के बीच जाएंगे और निःसंदेह जनता फिर एक बार हमें मौका देगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड में एनडीए सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करने के लक्ष्य को हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन का उद्देश्य राष्ट्र एवं राज्य के व्यापक हित में काम करना है। जबकि इंडी गठबंधन नेतृत्व विहीन है। इंडी गठबंधन के पास देशहित में कोई एजेंडा नहीं है। चुनावों में जनता उन्हें सिरे से नकारने वाली है।

संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद चंद्र प्रकाश चौधरी ने पार्टी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए हमने काम किया है। मोदी जी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विकसित गिरिडीह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गिरिडीह के मतदाता चुनाव में एनडीए को भारी मतों से जिताकर 400+ के लक्ष्य को मजबूती देने का काम करेंगे।

गौरतलब है कि झारखंड में बीजेपी आजसू का गठबंधन है। बीजेपी पिछले बार के चुनाव की तरह 13 और एक सीट पर आजसू लड़ रही है। राज्य में मजबूती और एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने के लिए दोनों दलों के नेताओं के बीच विचार विमर्श भी जारी है। इसी सिलसिले में गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और राज्यसभा के सांसद दीपक प्रकाश ने सुदेश कुमार महतो के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की थी।

बैठक में चन्द्रप्रकाश चौधरी, रामचंद्र सहिस, लम्बोदर महतो, डोमन सिंह मुण्डा, उमाकांत रजक, कुशवाहा शिवपुजन मेहता, डां देवशरण भगत, हसन अंसारी, राजेंद्र मेहता, स्वपन सिंहदेव, डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, राधेश्याम गोस्वामी मुख्य रूप से उपस्थित थे।