रांची। कोरोना महामरी में सरकार साथ आया टाटा ट्रस्ट, 8400 पीपीई किट किया प्रदान

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फिर दुहराया है कि झारखंड में लॉकडाउन-4 पर निर्णय केंद्र सरकार की गाइड लाइन के बाद लिया जाएगा। केंद्र सरकार की गाइड लाइन की समीक्षा के बाद झारखंड में छूट पर विचार किया जाएगा। इसी बीच मुख्यमंत्री से टाटा ट्रस्ट ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर करीम मलिक एवं श्यामल संतरा ने मुलाकात की और 8400 पीपीई किट व अन्य सुरक्षा उपक्रम राज्य सरकार को दिए।

टाटा कंपनी की सराहनीय पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा बेहतर बनाये रखने में टाटा कंपनी का यह सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जैसे वैश्विक आपदा के समय औद्योगिक घरानों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संस्थानों के लोग आगे बढ़ कर सहयोग कर रहे हैं, इसके लिए वह धन्यवाद देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा बेहतर बनाये रखने में टाटा कंपनी का यह सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जैसे वैश्विक आपदा के समय औद्योगिक घरानों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संस्थानों के लोग आगे बढ़ कर सहयोग कर रहे हैं, इसके लिए वह धन्यवाद देते हैं।

एकजुट होकर ही मिलेगा विजय

क्योंकि इस घड़ी में एकजुट होकर ही महामारी पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने इस लड़ाई में सुरक्षा उपकरणों को चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों व सुरक्षाकर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा। क्योंकि वर्तमान समय में मेडिकल उपकरणों की भारी संख्या में राज्य को जरूरत है। इस अवसर पर पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर भी उपस्थित थे।

ओरैया दुर्घटना पर दुख व्यक्त

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हादसे में श्रमिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खबर अत्यंत मर्माहत करने वाली है। हम सभी राज्यों को अपने राज्यों में पैदल चलने को मजबूर लोगों की मदद हेतु जानकारी एकत्र कर संबंधित राज्य को अग्रतर कार्यवाई हेतु साझा करनी होगी। श्रमिक देश के मुख्य स्तंभ हैं तथा इनकी सेवा और सुरक्षा हम सभी का प्रथम कर्तव्य। मालूम हो कि इस दुर्घटना में बोकारो के भी कई मजदूरों की मौत हो गयी है।

कोई मजदूर सड़क पर पैदल चलते नहीं दिखे

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलो के अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को यह निर्देश दिया जा चुका है कि कोई भी मजदूर सड़क पर पैदल चलते हुए नहीं दिखे। मजदूर चाहे किसी राज्य का हो, सड़क पर चल रहा हो तो उसे गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। दूसरे राज्य के हैं तो वहां को नोडल अधिकारी से संपर्क कर उन्हें उनके घर तक पहुंचवाएं।