झारखंड में सियासी हलचल जारी, यूपीए की महत्वपूर्ण बैठक में भावी राजनीति पर होगी चर्चा !

सरकार ने अपने सहयोगी पार्टी के विधायकों को बुलाया !

रांची। झारखंड में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जब से राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनी है, तब से ही राज्य में सरकार गिरने और गिराने का खेल जारी है। नजीता है कि राज्य में ना तो सरकार विकास का कार्य तेजी से कर पा रही है, और  ना ही राजनीतिक रूप से राज्य के लोगों का भरोसा जीत पा रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा अगर प्रभावित हो रहा है तो वह है राज्य की जनता।

एक बार फिर से झारखंड में सरकार गिरने गिरने को लेकर राजनीतिक उठा-पटक पर बहस जारी है। सत्ताधारी दल एक बार फिर से इस तरह की बहस को महज अफवाह मान रहे हैं। लेकिन राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से बार-बार इस बात के संकेत दिए जा रहे हैं कि राज्य की हेमंत सरकार संकट में है।

बहरहाल राज्य के इस उठापटक  के दौर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सहयोगी दल के विधायकों के साथ आपात बैठक बुला ली है। बैठक की घोषणा के साथ ही राजनीतिक जगत में कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। हालांकि जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने साफ किया है कि यूपीए की बैठक में राज्य में सूखे की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

इधर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने पार्टी के विधायकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपना लंबा टूर कैसिंल कर ले और राजधानी से इतनी ही दूरी पर रहे, जहां से चार घंटे के अंदर रांची पहुंचा जा सके। कांग्रेस के इस निर्देश पर राजनीतिक जगत में इस बात की चर्चा होने लगी कि आखिर कुछ बड़ा राजनीतिक हलचल तो होनेवाला नहीं है। हर बार की तरह गोड्डा के एमपी निशिकांत दुबे का एक ट्विट इस राजनीतिक हलचल के संकेत के लिए काफी दिखाई पड़ रहा है।

बहरहाल झारखंड गठन के 22 साल होने को हैं और राज्य में हर बार नई सरकार बनने के बाद इस बात की उम्मीद जताई जाती है कि विकास के मायने में राज्य का काया कल्प हो जाएगा। लेकिन समय का चक्र जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे कुछ अजीबोगरीब परिस्थितियां उत्पन्न होने लगती है, जिसका असर राजनीतिक हालात पर तो पड़ता ही है, लेकिन नुकसान राज्य की जनता को होता जा रहा है। अब राज्य में बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के बीच राजनीतिक जगत में कई तरह की अफवाहें जारी हैं।

 

झारखंड में दलगत स्थिति

सत्ताधारी दल -यूपीए खेमे में–  51 विधायक

जेएमएम           30

कांग्रेस               18

आरजेडी                        01

माले                  01 (विनोद सिंह)

 

राज्य में विपक्ष में- एनडीए खेमे में – 28 विधायक

बीजेपी              26

आजसू पार्टी       02

तीन विधायक ऐसे जो समय के साथ किसी के साथ जा सकते हैं – 03 विधायक

निर्दलीय            02 (सरयू राय और अमित यादव)

एनसीपी            01 (कमलेश सिंह)