माइनिंग विभाग में घुस देकर काम कराने के चक्कर में कईयों को लगा चूना

रांची । माइनिंग विभाग में शार्ट कट में पैसे देकर गलत काम कराने के फिराक में कई लोग ठगी का शिकार हो गए। हालांकि मामले का खुलासा जल्द हो गया, लेकिन कईयों को हजारों-लाखों का चुना लग गया। दरअसल मनोज कुमार सिंह नाम का एक शक्स खुद को माइनिंग विभाग का अधिकारी बताकर पलामू के इलाके में काफी लोगों से ठगी कर ली। मनोज अपने को माइनिंग विभाग नेपाल हाउस, रांची मेम्बर सेक्रेट्री का कर्मचारी बताता था और इस विभाग में फंसे काम को कराने के नाम पर मोटी रकम सूल लेता है।
हालांकि जैसे ही पुलिस के संज्ञान में बात आई आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसपी प्रशांत आनंद को मिली गुप्त सूचना के आधार पर गठित छापामारी दल के द्वारा ठगी करने वाले व्यक्ति मनोज कुमार सिंह को उसके आवास छतरपुर, पलामू से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, विगत कुछ दिन पूर्व लातेहार, पलामू, गढ़वा, रामगढ़, आदि जिलों के माइनिंग लाइसेंस धारियों को मनोज कुमार द्वारा कॉल कर ठगी की जा रही थी। मनोज खुद को माइनिंग विभाग नेपाल हाउस, रांची मेंबर सेक्रेट्री का कर्मचारी बताता था। वो लाइसेंस धारियों को कॉल कर कहता कि आपके सीटीओ की वैधता समाप्त हो गई है। यदि उसका विस्तार नहीं किया जाएगा तो आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद लाइसेंस रेगुलर करने के नाम पर माइनिंग विभाग के कई लाइसेंस धारियों से ठगी कर रुपए अपने खाते में मंगा लेता था।
शिकायत मिलने के बाद जब इसकी जांच जिला खनन पदाधिकारी आनन्द कुमार द्वारा की गई तो पता चला कि कोई फर्जी तरीके से माइनिंग विभाग का आदमी बनकर लोगों से ठगी कर रहा है। इस मामले में आनन्द कुमार के आवेदन के आधार पर लातेहार थाना में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद आरोपी मनोज कुमार को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि मनोज कुमार सिंह ने इस मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। मनोज ने पुलिस को बताया है कि वह दिल्ली में रहा करता था। जहां पैसों की लालच में आकर माइनिंग विभाग द्वारा उनकी पब्लिक वेबसाइट के डोमेन में अपलोड जानकारियों में लाइसेंस धारियों का नाम पता, मोबाइल नंबर प्राप्त कर लेता था। इसके बाद ठगी करता था। पर लातेहार में एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिलने पर उसने अपना मोबाइल दिल्ली में फेंक दिया और वहां से भागकर छतरपुर आकर रहने लगा।