रांची। चारा घाटोले में सजा काट रहे लालू यादव की जमानत पर सुनवाई अब 11 को

रांची । एकीकृत बिहार के समय के सबसे बड़े घोटालों में से एक चारा घोटाला में रांची में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत याचिका की सुनवाई पर नई तारीख दे दी गई है। अब अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।निर्धारित तिथि पर जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत में शुरू हुई। इस दौरान सीबीआई ने लालू की जमानत का विरोध किया। सीबीआई  के अनुसार अभी लालू की आधी सजा पूरी नहीं हुई है। वहीं, लालू के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राजद सुप्रीमो ने आधी सजा काट ली है। इस पर हाईकोर्ट की तरफ से सरकार को लालू यादव की सजा का रिकॉर्ड की जांच करने के लिए कहा गया है। लालू की जमानत याचिका पर इससे पहले छह नवंबर को सुनवाई हुई थी। इस दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। सीबीआई ने जवाब दाखिल कर कहा था कि लालू यादव ने चारा घोटाले के जिस मामले में जमानत की मांग की है, उस मामले में आधी सजा की अवधि पूरी नहीं हुई है। सीबीआई ने इस दौरान सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला देते हुए कहा कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में से जुड़े चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव एक दिन भी जेल में नहीं रहे हैं।

धारा 427 क्या है

क्या है के अनुसार, लालू प्रसाद को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है। लेकिन सीबीआई कोर्ट ने सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया है। इस कारण सभी सजा एक साथ नहीं चल सकती। CRPC की धारा 427 में प्रावधान के अनुसार किसी व्यक्ति को एक से अधिक मामलों में दोषी करार देकर सजा सुनायी जाती है और अदालत सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं देती है, तो उस व्यक्ति की एक सजा की अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी दूसरी सजा शुरू होगी।

चार मामलों के सजायाफ्ता हैं लालू
पहला मामला
चाईबासा कोषागार
-37.7 करोड़ रुपये अवैध निकासी का आरोप
-लालू प्रसाद समेत 44 अभियुक्त
-मामले में 5 साल की सजा

दूसरा मामला
देवघर कोषागार
-84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप
-लालू समेत 38 पर केस
– लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा

तीसरा मामला
चाईबासा कोषागार
-33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप
-लालू प्रसाद समेत 56 आरोपी
-5 साल की सजा

चौथा मामला
दुमका कोषागार
-3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला
– दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा

डोरंडा कोषागार की सुनवाई अभी बाकी
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े पांच मामले झारखंड में चल रहे हैं। चार मामलों में सीबीआई की अदालत से उन्हें सजा सुनायी जा चुकी है। पांचवां मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है और इसकी सुनवाई अभी रांची के सीबीआई कोर्ट में चल रही है।