शराब घोटाले मामले में ईडी की कार्रवाई तेज, तपिश राजनीतिक दलों पर भी !

ईडी की गिरफ्त में योगेन्द्र तिवारी के आते ही, राजनीतिक दलों में हलचल

रांची। झारखंड में शराब घोटाले के संकेत के बाद जहां ईडी की कार्रवाई तेज होती जा रही है, वहीं अब राज्य की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी खेमें में भी कई तरह की हलचल दिखाई पड़ रही है। मामला तो शराब घोटाला का जरुर है, लेकिन इसकी तपिश राजनीतिक दल के नेताओं पर भी दिखाई दे रही है। मामले में सत्ताधारी दल और विपक्ष अब आमने सामने हैं।

जेएमएम ने बीजेपी पर साधा निशाना

झारखंड की राजधानी रांची में ईडी ने शराब घोटाले मामले में कार्रवाई की है….  कारोबारी योगेंद्र तिवारी से शराब घोटाला मामले पर पूछताछ करेगी….वही इस मसले पर झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने राज्य सरकार से मांग की है कि एसआईटी गठित कर जांच की जाए…. ..… इस शराब घोटाले में बड़ी साजिश की आशंका जाहिर की है….…. योगेंद्र तिवारी एक छोटे प्यादे को टारगेट किया जा रहा है इसके पीछे बड़े लोग का खेला कर रहे है…. शराब के खेल में और कौन-कौन शामिल है उनको बेनकाब करना जरूरी… सुप्रीयो ने शराब घोटाले में बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल होने की भी बात कही…. अगर ईडी को जांच करना ही है तो तफ्तीस से जांच करें….

बीजेपी का बयान, एसआईटी गठित कर जांच हो 

इधर जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गिरफ्तार योगेंद्र तिवारी मामले में जिस प्रकार से भाजपा नेता को संलिप्त की बात कही है उसे पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने की झामुमो के नेता उस पुराने टेप रिकॉर्डर की तरह हो गए हैं जिनका कैसेट फंस गया है और बार-बार एक ही आवाज सामने आती है……..भारतीय जनता पार्टी शुरू से कहते आ रही है कि योगेंद्र तिवारी के मामले में एसआईटी का गठन किया जाए। इस पर भी जांच हो कि आखिर सत्ताधारी दल के किस बड़े नेता के ‘आशीर्वाद’ से उन्हें पूरे प्रदेश में शराब का ठेका पर एकाधिकार मिल गया है।

भाजपा के बड़े नेताओं ने स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है दशकों से उनका योगेंद्र तिवारी की कंपनी से कोई लेना देना नहीं रहा है। लेकिन अभी सवाल वही है की मौजूदा सिस्टम का कौन सा अति शक्तिशाली व्यक्ति सारे नियम कानून को ताक में रखकर योगेंद्र तिवारी को बढ़ाने में लगा हुआ है?SIT का अविलंब गठन हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।