दुमका। गलत तरीके से बहाल लिपिकों ने फर्जीवाड़ा कर निकले 49 लाख रुपये

उपायुक्त के आदेश पर प्रथमिकी दर्ज

दुमका। दुमका में शिक्षा विभाग में राजनीतिक रसूख और पहुंच के बल पर फर्जी नियुक्ति तथा अवैध तरीके से भारी भरकम राशि की अवैध निकासी का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। इस घोटाले में पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी के अत्यंत करीबी भाजपा नेता मनोज साह का नाम सामने आने के बाद मामला पूरी तरह से हाई प्रोफाइल हो गया है।

अवैध तरीके से 49 लाख रुपये की निकासी

फर्जी नियुक्ति और 49 लाख रुपए की अवैध निकासी में प्रोजक्ट उच्च विद्यालयों के दो लिपिकों सहित शिक्षा विभाग के चार लिपिकों के विरुद्ध फर्जीवाड़ा, कोषागार से अवैध निकासी और सरकारी राशि के गबन के आरोप में दुमका नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है। यह कार्रवाई दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी के निर्देश पर हुई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से डीसी को यह रिपोर्ट मिली थी कि प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय काठीकुंड में प्रबंध समिति द्वारा मनोज कुमार साह की नियुक्ति1989 में लिपिक के पद पर की गई थी जो नीति के अनुरूप नहीं है।

पूर्व मंत्री डॉ लुईस मरांडी के थे करीबी

मनोज कुमार साह भाजपा युवा  मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष है। भाजपा सरकार के कार्यकर में उन्हें काफी रसूखदार माना जाता था। वे पूर्व मंत्री डॉ लुईस मरांडी के अत्यंत करीबी नेताओ में गिने जाते है।रिपार्ट में कहा गया है कि मनोज कुमार साह की नियुक्ति की मान्यता नहीं दिए जाने के बाद भी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा छानबीन किए बिना ही 23 फरवरी 2002 से मनोज साह को वेतन के भुगतान की कार्रवाई की गई।

तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन

शिक्षा विभाग में हुए इस फर्जीवाड़ा मामले में दोषी पदाधिकारी और कर्मचारी को चिह्नित कर कार्रवाई के लिए डीसी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। जिसमें उप समाहर्ता जिला विधि शाखा, जिला लेखा पदाधिकारी और कोषागार पदाधिकारी सदस्य थे। जांच में पाया गया कि प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय काठीकुंड के लिपिक मनोज कुमार साह, प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय गोपीकांदर के लिपिक संतोष कुमार मंडल को नियम विरुद्ध सेवा को मान्यता देने।

दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने प्राथमिकी दर्ज

उन्हें वेतना का भुगतान करने और कोषागार दुमका से वर्ष 2017 में 49,53,731 रुपए के अवैध निकासी कर दोनों लिपिकों को भुगतान करने में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के तत्कालीन प्रधान लिपिक शशिभूषण श्रीवास्तव और लिपिक मो.इफ्तेखार को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए संताल परगना के आरडीडीई को पत्र भेजा। आरडीडीई राजकुमार सिंह के निर्देश पर जरमुंडी के बीईईओ सह दुमका के अवर प्रंमडल पदाधिकारी छक्कू लाल मुर्मू ने दुमका नगर थाना में लिखित रिपोर्ट की। इस मामले का खुलासा होने के बाद दुमका में राजनीतिक तापमान एक बार फिर शबाब पर आ गया है।झामुमों ने आरोप लगाया है कि पूर्व मंत्री डॉ लुइस मरांडी ने अपने कार्यकाल में अपने रसूख का इस्तेमाल कर सभी विभागों में अपने चहेतों को फर्जीवाड़ा कर लाभ पहुचाने का काम किया है।