रांची। हेमंत ने आदिवासी/सरना कोड का प्रस्ताव किया पारित, बीजेपी ने उठाए सवाल

रांची। आदिवासियों की लंबी लड़ाई के बाद झारखंड की हेमंत सरकार ने आदिवासी सरना कोड विधानसभा से पारित कर दिया। विशेष सत्र के दौरान इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी बाकी है। सीएम के इस प्रस्ताव को सदन के सभी सदस्यों ने ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया। अब यह केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उधर, विशेष सत्र में दुमका और बेरमो के नवनिर्वाचित विधायक बसंत सोरेन और कुमार जयमंगल सिंह ने पद एवं गोपनियता की शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने उन्हें शपथ दिलाई।

सरना धर्म कोड के प्रस्ताव पर राजनीति ठीक नहीं- हेमंत
सदन में चर्चा के दौरान सूबे के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस मामले में  राजनीति नहीं होनी चाहिए। आदिवासी/सरना धर्म कोड आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सदन से पहले इस पर टीएसी  में चर्चा होनी चाहिए। लेकिन टीएसी के गठन में कुछ तकनीकी परेशानी आई। इसके कारण उसका गठन नहीं हो सका। सरकार ने एक बार फिर राज्यपाल के समक्ष इसे रखा है। जल्द इसका गठन होगा और वह अपना काम करेगी।

चर्चा के दौरान सीएम ने कहा कि ये बात सही है कि बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को विलुप्त करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार सही तरीके से इस समुदाय के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि इस समुदाय की संख्या कम होने का एक बड़ा कारण इनमें बौद्धिक विकास का नहीं होना भी है।

प्रस्ताव पर बीजेपी ने उठाए सवाल
इससे पहले सदन में चर्चा की शुरुआत के दौरान बीजेपी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि यह प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित लगता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आदिवासी ऑब्लिग सरना पर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि या तो सरना धर्म को लाया जाए या आदिवासी सरना धर्म कोड का प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा इस शर्त के साथ इस बिल का समर्थन करती है। लेकिन सरकार इस पर राजनीति कर रही है। चुनाव के दौरान इस बात की घोषणा की गई कि सरकार इस प्रस्ताव को केंद्र के पास भेजेगी।