केंद्र सरकार ने वैश्विक कंपनियों का भारत में निवेश आसान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 16 अलग-अलग मंत्रालयों को एक ही प्लेटफॉर्म

चीन से 100 लाख करोड़ के निवेश लाने की तैयारी !

भारत में निवेश आसान बनाने के लिए एक मंच पर पर आए 16 मंत्रालय

केंद्र सरकार ने वैश्विक कंपनियों का भारत में निवेश आसान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 16 अलग-अलग मंत्रालयों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विदेशी निवेश को जल्द से जल्द मंजूरी मिल सके। क्योंकि, निवेश बढ़ाने में सबसे बड़ी अड़चन अब भी अलग-अलग विभागों से मिलने वाली मंजूरियों में होने वाली देरी है। देरी की वजह से हर चार में से एक प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत बढ़ गई है, जो आने वाले समय में बड़ी समस्या हो सकती है।

सरकार अगले कुछ सालों में 100 लाख करोड़ रुपए के मेगा प्रोजेक्ट चीन से छीनकर भारत लाने की तैयारी में जुट गई है। एपल जैसी कई कंपनियां हैं, जो चीन में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पूरी तरह से बंद कर भारत आना चाहती हैं। इन्हें ध्यान में रखकर ही गति शक्ति योजना को विस्तार दिया जा रहा है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विशेष सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि वैश्विक कंपनियां भारत में निर्माण के लिए उत्सुक हैं। हम उनसे लगातार बात कर रहे हैं। हम उन्हें हर तरह की जरूरी सुविधाएं दे रहे हैं। भारत आने की इच्छुक ज्यादातर वैश्विक कंपनियां अभी चीन में निर्माण कर रही हैं। हम उन्हें बेहतर माहौल देंगे, इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही भारत में कंपनियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा

गति शक्ति योजना के तहत 1300 नए प्रोजेक्ट शुरू होने हैं, लेकिन चुनौती यह है कि इनमें से 40% प्रोजेक्ट अटक गए हैं या उनकी गति बहुत धीमी है। ज्यादातर प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं हो पाया है। 422 प्रोजेक्ट अन्य कारणों से शुरू नहीं हो पा रहे थे। हालांकि, इनमें से 200 प्रोजेक्ट में आ रहीं अड़चनें दूर की ली गई हैं। 196 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो सीधी पोर्ट कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से अटके हुए हैं। इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय अलग से योजना तैयार कर चुका है।