आर्थिक मंदी के साये में दुनिया, RBI के फैसले से तय होगा भारत का भविष्य

आर्थिक मंदी के साये में दुनिया, अब RBI के फैसले से तय होगा भारत का भविष्य!

अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व द्वारा लगातार तीसरी बार ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद अब लगभग तय मान लिया गया है कि दुनिया फिर से मंदी की चपेट में आने वाली है। इस बात पर अमेरिकी अर्थशास्त्री और 2008 मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले नूरील रूबिनी ने भी मुहर लगा दी है।

इस माहौल के बीच अब सवाल है कि क्या इससे भारत प्रभावित होगा, या भारत किसी तरकीब के जरिए खुद को मंदी से बचाए रख सकता है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब केंद्रीय रिजर्व बैंक की आगामी बैठक में मिलने की उम्मीद की जा रही है।

आरबीआई की बैठक 28 से: दरअसल, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक 28 सितंबर से शुरू होगी। मौद्रिक नीति समीक्षा 30 सितंबर को पेश की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि महंगाई कंट्रोल के लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के मूड में है। अलग-अलग बैंकों और विश्लेषक फर्मों से जुड़े अर्थशास्त्रियों की आम राय है कि आरबीआई रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कर सकता है। ऐसा होने पर रेपो रेट बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो जाएगी।