क्या भारत में सिर्फ दो ही प्राइवेट टेलीकॉम प्लेयर्स बचेंगे

क्या भारत में सिर्फ दो ही प्राइवेट टेलीकॉम प्लेयर्स बचेंगे, VI की हालत दिनों-दिन हो रही खराब !

क्या भारत में सिर्फ दो ही प्राइवेट टेलीकॉम प्लेयर्स बचेंगे, VI की हालत दिनों-दिन हो रही खराब

हाल ही में हुई 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में दो ही टेलीकॉम कम्पनियां Reliance Jio और एयरटेल ने बिजनेस टू कंज्यूमर सेगमेंट बड़ी भागीदारी करती नजर आई। जबकि, अडानी समूह ने अपने बिजनेस टू बिजनेस के लिए स्पेक्ट्रम खरीदा है।

हालांकि बाद में वोडाफोन-आइडिया ने आने वाले समय में कुछ सर्किल में 5जी सेवा शुरू करने की घोषणा की, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि 5जी सेवाओं का मूल्य अधिक होना चाहिए। इसके बाद जो चौंकाने वाली खबर थी, वह थी सरकार की वोडाफोन-आईडिया में भारत सरकार की 35 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी होने की।

ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि वोडाफोन आइडिया सरकार को लाइसेंस सहित अन्य फीस चुकाने में असमर्थ रही है। इसलिए अब कर्ज की राशि को सरकार के शेयर्स में बदल दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो कंपनी में वोडाफोन ग्रुप दूसरे नम्बर और आईडिया सेलुलर की हिस्सेदारी तीसरे नम्बर पर होगी और तकनीकी रूप से वोडाफोन-आईडिया बीएसएनएल की तरह सरकारी कंपनीं के रूप में काम करेगी। इस पूरे चक्र में वोडाफोन-आइडिया का दिनों-दिन कर्ज के दुष्चक्र में फंसना उसके ग्राहकों को बहुत बड़ा झटका देगा।