रांची। केंद्रीय संचार ब्यूरो रांची के मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी का समापन
- By rakesh --
- 02 Sep 2022 --
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मुख्य अतिथि महानिदेशक पीआईबी -सीबीसी पूर्वी जोन भूपेंद्र कैंथोला ने दीप प्रज्ज्वलित कर समापन समारोह का आगाज़ किया
केन्द्रीय संचार ब्यूरो, रांची द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव पर दीक्षांत मंडप, रांची विश्वविद्यालय परिसर में 05 दिवसीय मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया
प्रदर्शनी में पांचों दिन राष्ट्रीय तथा झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में रोचक जानकारी दी गई
रांची । रांची विश्वविद्यालय के मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप परिसर में केंद्रीय संचार ब्यूरो रांची/गुमला के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव विषय पर आयोजित पांच दिवसीय मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी के पांचवे व अंतिम दिन भव्य समापन समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय एवं केन्द्रीय संचार ब्यूरो के कोलकाता स्थित पूर्वी जोन के महानिदेशक श्री भूपेंद्र कैंथोला मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर समापन समारोह की भव्य शुरुआत की। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अनुज कुमार सिन्हा, कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ तपन कुमार शांडिल्य, झारखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकार मुकुंद नायक, अपर महानिदेशक पीआईबी सीबीसी रांची श्री अखिल कुमार मिश्रा एवं रांची नगर निगम के उपमहापौर श्री संजीव विजयवर्गीय ने इस समापन समारोह की शोभा बढ़ाई।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री भूपेंद्र कैंथोला ने कहा कि जब हमें आजादी मिली, उस समय के शायद ही कोई लोग बचे होंगे। लेकिन इस तरह की प्रदर्शनी उनके और आज की युवा पीढ़ी के बीच में एक सेतु बनाने का काम करती है। मैने यहां के अलावा भी देश के अन्य प्रमुख जगहों पर इस तरह के प्रदर्शनियों में भाग लिया है। हमारी प्रर्दशनी को युवा वर्ग उत्सुकता से देखती है, और इतिहास से रूबरू होती है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत अगर हम एक राज्य के स्वतन्त्रता सेनानियों को दूसरे राज्य में देख सकते है तो हमें हर जगह के वीर लोगों के बारे में पता चलेगा। मैं चाहूंगा कि इस तरह की प्रदर्शनी इस राज्य के विभिन्न हिस्सों में हों ताकि वहां के लोगों को भी इसके बारे में बेहतरीन जानकारी हासिल हो सके।
यह अमृत काल है और अगले 25 साल में एक नए शिखर पर ले जाने के लिए अपनी आहुति अपना योगदान देना होगा। आज सभी देश स्वीकार करते है कि आने वाले दिनों में भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
मुख्य अतिथि ने केंद्र सरकार द्वारा आज के इंटरनेट युग के युवाओं को इतिहास से जोड़ने के प्रयास में दूरदर्शन पर शुरू किए गए स्वराज सीरियल और आज़ादी गेम्स क्वेस्ट – हीरोज of इंडिपेंडेंस, के बारे में मौजूद दर्शकों को विस्तार से जानकारी दी।
इससे पूर्व पीआईबी सीबीसी रांची के अपर महानिदेशक अखिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रर्दशनी को सफल बनाने में विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों/ कर्मचारियों, विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षकों, और छात्रों की भी सराहना की।
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अनुज कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रदर्शनी के जरिए आज के जेनरेशन को पता चलेगा कि किस स्वतन्त्रता सेनानी का क्या योगदान रहा। इस प्रदर्शनी में हमारे विभिन्न विभागों और कॉलेजों के बच्चे ने हिस्सा लिया और बहुत कुछ सीखा। आप अंदाज करें, वो पढ़े लिखे लोग नहीं थे, लेकिन इतनी बड़ी क्रांति लेकर आए, वो हमारे असली लीडर्स हैं, जिन्होंने ने इस देश के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी।
प्रो. डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने देश के आजादी की लड़ाई के इतिहास को याद किया और मुख्य रूप से झारखंड के वीरों की कहानियों को सांझा किया। यह इन्हीं की देन है की आज हम अपनी आजादी के 75 साल मना रहे है और एक मजबूत लोकतंत्र के वासी हैं। लेकिन हमें और भी आजादी चाहिए, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या से भी आजादी पाने का कार्य करना है।
झारखंड के प्रसिद्ध लोक गायक पद्मश्री श्री मुकुंद नायक ने पुराने दिनों को याद करते हुए ‘पहले जीवन कितना सुंदर था’ थीम पर पारंपरिक लोक गीत से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने झारखंड के आदिवासी समाज के जीवन में अखड़ा के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
उपमहापौर श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम में आकर बहुत खुश हूं कि इस प्रर्दशनी से राज्य के वीर सपूतों के बारे में आज के युवाओं को जानकारी देने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। सरकार के द्वारा ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को देशप्रेम का प्रतीक बना दिया गया, वह बहुत ही गर्व की बात रही।
विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस प्रदर्शनी में काफी संख्या में लोगों ने खासकर विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया और इतिहास से रूबरू हुए। इस अवसर पर विभाग से जुड़े सांस्कृतिक दलों ने भी रोचक गीत एवं प्रस्तुतियां दीं, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। दर्शकों के लिए क्विज़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
इस प्रदर्शनी में अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया गया है। साथ ही झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों जैसे बिरसा मुंडा, तेलंगा खड़िया, सिद्धो कान्हो, अमानत अली, सलामत अली, एवं शेख हारो आदि पर भी स्पेशल चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा गरीबों और वंचित लोगों की सेवा, नारी शक्ति, किसान कल्याण, आयुष व योग के जरिए स्वास्थ्य, राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवा शक्ति आदि से जुड़ी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है।
प्रदर्शनी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जिंगा इंडिया (Zynga India) के साथ मिलकर ऑनलाइन मोबाइल गेम्स के माध्यम से विकसित किया गया आजादी क्वेस्ट ऑनलाइन मोबाइल गेम्स पर भी डिसप्ले पैनल लगाए गए। यह एक मनोरंजक और शिक्षाप्रद सीरिज है, जिसका उद्देश्य एक मजेदार गेमप्ले के माध्यम से खिलाड़ियों को भारत की स्वतंत्रता की यात्रा और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के वीरता के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
प्रदर्शनी के दौरान आयुष विभाग रांची के द्वारा आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) से संबंधित स्टॉल भी लगाया गया है। इस मौके पर विभाग के द्वारा कोरोना किट एवं आवश्यक दवाइयों का भी वितरण किया जा रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा प्रमाणित आदिम जाति समग्र विकास परिषद, खादी ग्रामोद्योग रांची द्वारा खादी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। मौके पर पोस्ट ऑफिस का स्टॉल भी है जिस के द्वारा जनोपयोगी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है।
केंद्रीय संचार ब्यूरो, रांची द्वारा आयोजित इस 05 दिवसीय मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का नेतृत्व अपर महानिदेशक श्री अखिल कुमार मिश्रा कर रहे हैं और इस प्रदर्शनी का समन्वय मुख्य रूप से क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्रीमती महविश रहमान कर रही हैं। श्रीमती रहमान ने अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया, वहीं रांची की जानी मानी एनाउंसर श्रीमती सरोज झा ने इस कार्यक्रम की शानदार एंकरिंग की। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री गौरव पुष्कर, कार्यालय प्रमुख श्री शाहिद रहमान, श्री ओंकार नाथ पाण्डेय, क्षेत्रीय प्रचार सहायक श्री खुर्शीद आलम और श्री राजकिशोर पासवान का भी महत्पूर्ण योगदान रहा।
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