पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे पर ओवैसी पर देशद्रोह का मुकदमा चले : संजय सेठ

डुमरी उपचुनाव में ओवैसी के चुनावी सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे ओवैसी पर देशद्रोह का मुकदमा चले =संजय सेठ

झारखंड की सरकार सरिया कानून लागू करना चाहती है

पशु तस्करी सरकार के संरक्षण में चल रहा है सरकार मौन

तुष्टिकरण राजनीति के कारण सरकार ने अपना जमीर गिरवी रख दी

आज सांसद कार्यालय में रांची के सांसद संजय से द्वारा एक प्रेस बात आयोजित की गई

 

डुमरी उपचुनाव में ओवैसी की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए इस पर सांसद संजय सेठ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की है। सांसद सेठ ने कहां ओवैसी की सभा में एक विशेष समुदाय के लोग झुंड बनाकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा लगाते रहे और ओवैसी मूकदर्शक बने रहे ।ओवैसी संविधान की बात तो करते हैं परंतु संविधान को मानते नहीं हुए पूरे देश में सरिया कानून चलाना चाहते हैं । ओवैसी ने क्यों नहीं उन लड़कों को गिरफ्तार कराया क्यों नहीं थाने में आपत्ति दर्ज कराई झारखंड की पुलिस क्या कर रही थी । झारखंड की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की और अभी तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई यह तुष्टीकरण की राजनीति नहीं चलेगी।

यह झारखंड में पहली घटना नहीं है झारखंड में ऐसे कई घटनाएं घट चुकी है मोहर्रम के जुलूस में भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए।  सरकार ने क्यों एक्शन नहीं लिया । सांसद सेठ ने कहा यह एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है । झारखंड में जो डेमोग्राफी बदल रही है झारखंड में जिस तरह बांग्लादेशी घुसपैठी कर रहे हैं ।

संथाल में जिस तरह बांग्लादेशियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है उसका यह परिणाम है चुनाव आयोग से मांग करते हुए सांसद संजय सेठ ने कहा ऐसे लोगों पर नजर रखे और फास्ट ट्रैक कोड बनाकर ऐसे लोगों को चिन्हित कर देशद्रोह का मुकदमा चल ।ऐसे लोगों को भारत में रहने का अधिकार नहीं है जो पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हो ।

रांची के अंदर भी कुछ दिन पूर्व एक साजिश के तहत दंगा कराया गया हनुमान मंदिर में हजारों उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गई यही नहीं पुलिस कर्मियों तक को मारा गया क्या हुआ तुष्टीकरण के कारण ऐसे लोगों को बचाने के लिए झारखंड सरकार एवं रांची पुलिस ने उपद्रवियों को क्लीन चिट दे दी । जबकि ऐसे उपद्रवियों की पहचान रांची पुलिस कर चुकी थी ।आखिर क्या मजबूरी थी कि उन्हें छोड़ दिया गया यह मुख्यमंत्री को बताना चाहिए क्या झारखंड की सरकार राज्य में सरिया कानून लागू करना चाहती है आखिर सरकार की मंशा क्या है वही झारखंड में सरकार ने पशु तस्करी पर छूट दे रखी है ।धड़ल्ले से झारखंड में पशु तस्करी हो रही है इसमें सरकार का संरक्षण प्राप्त है झारखंड में लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं ।इस पर सरकार चुप है तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी आने वाले समय में राज्य की जनता सबक सिखाने का काम करेगी।