रांचीः वीर भूमि ने कभी बाहरी हस्तक्षेप को नहीं किया स्वीकार -आजसू पार्टी

  • हूल दिवस पर दी गयी श्रद्धांजलि

हूल दिवस के अवसर पर आज हरमू, रांची स्थित आजसू पार्टी मुख्यालय में संताल हूल के महानायकों सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो सहित सभी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं

इस अवसर पर आजसू पार्टी के मुख्य केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि झारखण्ड क्रांतिकारियों की माटी है। इस वीरभूमि ने कभी भी बाहरी हस्तक्षेप को नहीं स्वीकार किया। जब-जब हमारे जल, जंगल, ज़मीन पर किसी ने अधिकार जमाना चाहा तब-तब क्रांति का बिगुल फूंका गया।

राज्य में स्वशासन नहीं

आज देश भी आज़ाद है और झारखण्ड भी अलग राज्य बन चुका है. लेकिन क्या उन तमाम शहीदों के सपनों का झारखण्ड बन पाया है। इतने सालों बाद भी झारखण्डी विषयों पर निर्णय बाहर से लिया जाता है अर्थात हमें अलग राज्य तो मिला लेकिन स्वशासन नहीं मिला।

नए हूल का शपथ लें

आज भी झारखण्ड और झारखण्डियत की लड़ाई बाकी है, संघर्ष अभी अधूरा है। आज इस ऐतिहासिक दिवस पर झारखण्ड के तमाम शहीदों के संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लें।एक नए हूल का शपथ लें।

सिदो-कान्हू के वंशज भी सुरक्षित नहीं

मौके पर अमर शहीद सिदो-कान्हू मुर्मू के छठे वंशज स्व. रामेश्वर मुर्मू के संदिग्ध हालात में हुए मौत पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उनके वंशजों के कथन में अंतर है, जो वर्तमान सरकार के जांच पर बहुत बड़ा प्रश्नचिह्न लगा रहा। जिन्होंने झारखण्डियत की लड़ाई के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया आज उन्हीं के वंशज सुरक्षित नहीं हैं

एकजुट होकर ही बनेगा इतिहास

आजसू पार्टी रामेश्वर मुर्मू के मौत की सीबीआई से जांच की मांग को पुनः दोहराती है। महिला प्रदेश अध्यक्षा वायलट कच्छप ने झारखण्ड के क्रांतिवीरों की कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि आजसू पार्टी क्रांतिकारी पार्टी है और हमें एक बार फिर से इतिहास बनाना है हमें एकजुट होकर स्वराज के सपने को साकार करना होगा।

केंद्रीय सचिव सह बेरमो विधानसभा प्रभारी काशीनाथ सिंह ने शहीदों को नमन करते हुए उनके सपनों का झारखण्ड बनाने का संकल्प दुहराया। इस अवसर पर वनमाली मंडल, राजेंद्र शाही मुंडा, ज्ञान सिन्हा, नईम अंसारी, अंचल किंकर, सुनील यादव, बंटी यादव इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।