रांचीः सिर्फ कागजी फ्लाईओवर पर कैसे होगा सफर ?

मेनरोड ओवरब्रिज के तौर पर नया आरओबी बनाने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सारेन के निर्देश के बाद नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे ने पथ निर्माण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर मेनरोड फ्लाईओवर के विकल्प के तौर पर एक नया आरओबी निर्माण कराने का आग्रह किया है।

आरओबी को फिर से नया करने पर कांटाटोली फ्लाईओवर पर आरोप प्रत्यारोप की जंग छिड़ गई है।राजधानी रांची को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने की प्लानिंग 15 वर्षों से बन रही है। 15 वर्षों में कागज पर 10 से अधिक सड़क, फ्लाईओवर बन गए, लेकिन धरातल पर एक सड़क तक चौड़ी नहीं हुई।

क्योंकि सरकार बदलने के साथ-साथ  अफसर बदलते रहे। क्योंकि उन अफसरों की जरुरत के मुताबिक प्राथमिकताएं भी बदलती रहीं। इधर कांग्रेस ने बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया और कहा समय बीतता गया लेकिन निर्माण नहीं हो पाया।

2 -15 सालों में बदलती सरकारों के साथ –साथ रघुवर की सरकार भी बदल गई। फ्लाईओवर का काम पूरा नहीं हो पाया। अब पिछली सरकार में बनी योजनाओं को डंप करके नई योजनाओं पर काम शुरू कराया।

इसी तरह नई सरकार रघुवर सरकार की कई योजनाओं को डंप कर नए तरीके से शहर के विकास का प्लान बनाने में जुटी है। जाहिर सी बात है कि राजधानी में बढ़ती ट्रैफिक समस्या से आम लोगों को मुक्ति चाहिए। सरकारें बदलती रहेंगी, लेकिन परेशानी तो जनता को हीं भुगतनी पड़ रही है।

अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि नई सरकार निश्चित तय सीमा में काम करा पाती है या फिर लोगों को अगली सरकार के नए आरओबी का इंतजार फिर से करना होगा।