रांचीः राज्यसभा चुनाव का वन- डे

कोरोना के बीच झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य में दो सीटों के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी दावेदारी तय करने में जुटी हैं। आपको बता दें कि 19 जून को चुनाव के लिए वोट पडेगें। ऐसे में जेएमएम के पास की संख्याबल से साफ जाहिर होता है कि जेएमएम से शिबू सोरेन का राज्यसभा जाना लगभग तय है।

राज्यसभा में जीत के लिए 27 वोट

वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी के अनुसार जीत के लिए जो आंकड़ा चाहिए वो उनके पास है। लेकिन आगे बढ़ने से पहले हम राज्यसभा के चुनावी अंकगणित को समझने की कोशिश करते हैं। झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्यों में से फिलहाल 79 सदस्य हैं। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 27 वोट चाहिए।

कांग्रेस की राह आसान नहीं !

इस लिहाज से महागठबंधन को दोनों राज्यसभा सीटें जीतने के लिए 54 विधायकों का समर्थन चाहिए। मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से जेएमएम के पास 29 तो कांग्रेस के पास 16 और जेवीएम छोड़कर आए प्रदीप यादव व बंधु तिर्की को मिलाकर 18 होती है। इसके अलावा एक आरजेडी के विधायक को मिलाकर महागठबंधन के विधायकों की संख्या 48 पहुंचती है।

दोनों सीट जायेगी यूपीए के खाते में-सुप्रियो भट्टाचार्य

ऐसे में एनसीपी के विधायक कमलेश सिंह का भी साथ मिला तो भी आंकड़ा 49 तक ही सीमित रहेगा। वहीं, बाबूलाल मरांडी के शामिल के बाद बीजेपी विधायकों की संख्या 26 हो गई है।राज्य में सरकार चला रही पार्टी जेएमएम का मानना है कि उनकी पार्टी रणनीति के तहत कार्य कर रही है, जिससे यूपीए दोनों सीटों पर कब्जा जमा पाएगी।

वहीं विपक्षी दल बीजेपी का दावा है कि जीत का आंकड़ा उसके पास भी है, बीजेपी भी मुस्तैदी के साथ तैयारी कर रही है। पार्टी प्रवक्ता शिवपूजन पाठक का मानना है कि उनके प्रत्याशी जीत के प्रति बिल्कुल आश्वस्त हैं।