रांची। डॉक्टर की लापरवाही से गई जीवित युवक की जान, पोस्टमार्टम के लिए आया था रिम्स

रांची। चान्हो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां के डॉक्टरों ने करंट लगने से झुलसे जीवित युवक को मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। पोस्टमार्टम हाउस में पता चला कि वह जिंदा है। उसे इमरजेंसी में भेजा गया, लेकिन जांच के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया।

रिम्स के डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। लोहरदगा जिले के खरता गांव निवासी 26 साल का राजेंद्र प्रवासी मजदूर था। वह एक मई को केरल से लौटा था और पहली बार काम पर निकला था।

सुबह नौ बजे मृत घोषित, दोपहर 1 बजे तक चल रही थी सांस

राजेंद्र की पत्नी लक्ष्मी उरांव ने कहा-मेरे पति टेंट और बिजली का काम करते थे। 25 मई को गांव में शादी थी, जहां टेंट लगाया गया था। राजेंद्र मंगलवार सुबह टेंट खोलने गया था, तभी वह पास से गुजर रहे 11 हजार वोल्ट के तार के संपर्क में आ गए। गांव के लोग उसे लेकर चान्हों स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद सुबह नौ बजे उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया।

रिम्स के पोस्टमार्टम विभाग में डॉक्टरों ने पाया कि उसकी सांस चल रही है। उसे तत्काल सेंट्रल इमरजेंसी भेजा गया, लेकिन जांच के दौरान उसकी मौत हो गई। रिम्स के डॉक्टरों ने कहा कि अगर समय पर रिम्स लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।

स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी का अजीब तर्क

चान्हो स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा प्रभारी डॉ. नामिता टोप्पो ने कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। जब उसे अस्पताल लाया गया था तो न सांस चल रही थी, न हृदयगति। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।

इधर, रिम्स के डॉक्टर बोले-जीवित था युवक

रिम्स के एफएमटी विभाग के एचओडी डॉ. तुलसी महतो ने कहा कि परिजन उसके जीवित होने की बात