रांची। प्रवासी श्रमिकों को हवाई जहाज से लाया जाएगा- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
- By admin --
- 15 May 2020 --
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मांगी गई है केन्द्र सरकार से अनुमति
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए हवाई जहाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है।
सोरेन ने कहा कि विशेष ट्रेनों और बसों से प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है और यह प्रक्रिया तब तक चलेगी जब तक सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर नहीं आ जाते हैं। मुख्यमंत्री पीयूष गोयल द्वारा दिए गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
झारखंड ने अब तक 110 ट्रेनों को अनुमति
हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर रेलमंत्री को यह भी कहा कि उनके विभाग द्वारा उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही है। झारखंड ने अब तक 110 ट्रेनों को अनुमति दे दी है। 50 ट्रेनों से लगभग 50 हजार श्रमिक झारखंड लौट चुके हैं। झारखंड ही पहला राज्य है, जिसने केंद्र सरकार से ट्रेन के माध्यम से प्रवासियों को झारखंड लाने का आग्रह किया था। वह फिर से रेलमंत्री से अधिक से अधिक ट्रेन चलाने का आग्रह कर रहे हैं। क्योंकि अभी प्रतिदिन 4-6 ट्रेनें ही झारखंड आ रही है। झारखंड के लगभग सात लाख प्रवासियों को लाने के लिए इतनी ट्रेनें काफी नहीं हैं।
बंगाल के कारण रुका है मामला
इससे पूर्व रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीटर के माध्यम से कहा कि रेल मंत्रालय प्रवासियों को घर तक पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेनें लेकर बैठा है। 250-300 ट्रेनें प्रतिदिन चलाने को तैयार है। लेकिन झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य ट्रेनों को अनुमति नहीं दे रहे हैं। उन्होंने यह भी का कि अब तक यूपी ने 400 ट्रेनों को अनुमति दी। बिहार ने 200 ट्रेनों को अनुमति दी। लेकिन शुक्रवार की दोपहर तक पांच और ट्रेनों को पश्चिम बंगाल की सरकार ने अनुमति दी। इससे पूर्व मात्र दो ट्रेनों को अनुमति दी थी। अब पूरे देश में फैले पश्चिम बंगाल के 50 लाख से अधिक लोगों को उनके घर तक कैसे पहुंचाया जा सकेगा। पश्चिम बंगाल द्वारा अगले एक महीने में 105 ट्रेनों को अनुमति दी गई है। अब इससे कितने लोग पश्चिम बंगाल पहुंचाये जा सकेंगे, समझा जा सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मांगी
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह द्वारा 12 मई को केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा गया है। उसमें कहा गया है कि झारखंड के 319 मजदूर अंडमान-निकोबार में फंसे हैं। झारखंड सरकार इन मजदूरों को विशेष चार्टर्ड प्लेन से पोर्ट ब्लेयर अपने खर्च पर लाना चाहता है। गृह मंत्रालय इसकी अनुमति दे। क्योंकि ये मजदूर एक महीन से अधिक समय से फंसे हैं और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं।