आदिवासी दलित को प्रताड़ित करने वाले कितने को कराया दंडित :  मरांडी

मुख्यमंत्री बताएं आदिवासी दलित को प्रताड़ित करने वाले कितने लोगों को कराया दंडित :  मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छात्रों पर भारत बंद के दौरान हुए मुकदमा को उठाने संबंधी बयान को केवल दिखावा करार दिया।

कहा कि मुख्यमंत्री जी को मुकदमा उठाने के साथ उनके चार वर्षों के कार्यकाल में आदिवासियों दलितों पर अत्याचार करने वालों पर कठोर कार्रवाई भी करना चाहिए था।

श्री मरांडी ने कहा कि ईडी की जांच में फंसे मुख्यमंत्री हताश,परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से आदिवासी दलित समाज पर कहर बरसाने वाली ,आदिवासी दलित की जमीन को लूटने लुटवाने वाले मुख्यमंत्री आज मुकदमा उठाने की घोषणा कर रहे हैं। बढ़िया है।
पर मुख्यमंत्री बताएं कि आदिवासी दरोगा संध्या टोपनो को गो तस्करों के द्वारा ट्रक से कुचलकर मारने वाले पर क्या कारवाई हुई। उनके विधायक प्रतिनिधि पर रूपा तिर्की के परिजनों के द्वारा लगाए गए आरोप पर क्या कारवाई हुई।

आदिवासी दलित बच्चियों के साथ हुए हजारों दुष्कर्मियों पर क्या कार्रवाई हुई। पहाड़िया बेटी को टुकड़ों में काटने वाले पर क्या कार्रवाई हुई। आदिवासी बेटी की दुष्कर्म एवम हत्या कर पेड़ पर लटकाने वाले पर क्या कार्रवाई हुई।

उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार बनते ही चाईबासा में सात आदिवासियों की निर्मम हत्या हुई, अमर शहीद सिदो कान्हु के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई,सुभाष मुंडा जैसे अनेक होनहार आदिवासी युवाओं की हत्या हेमंत सरकार की देन है। यह सरकार आदिवासी दलित को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी दलित समाज पर समुदाय विशेष के द्वारा लगातार परेशान किए जा रहे,लव जिहाद के मामलों में आदिवासी समाज की बेटियों पर धर्मांतरण के दबाव के मामले उजागर हो रहे।फिर भी सरकार तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में मौन साधे बैठे हैं। हेमंत सरकार में ही सिमडेगा में दलित संजू प्रधान की मॉब लिंचिंग हुई।सरेआम जलाकर हत्या हुई। उन्होंने कहा कि यह सरकार आदिवासी दलित समाज को मिलने वाले मुफ्त अनाज को भी लूटवा रही फिर भी खुद को आदिवासी समाज की हितैषी बताने में जुटी है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुकदमा उठाइए लेकिन आदिवासी दलित समाज को प्रताड़ित करने वालों पर कठोर कारवाई भी जरूर कीजिए।

कहा कि जनजाति समाज अब हेमंत सरकार की नीति और नीयत को समझ चुका है। इसलिए लाख दिखावा कर लें इससे जनता इन्हे माफ करने वाली नही है।