एनडीए के लिए अपनी जीती हुई सीटों को बचा पाना है बड़ी चुनौती !

अंतिम चरण के चुनाव में दिग्गजों की किस्मत दांव पर 

रांची। झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर अब अंतिम चरण का चुनाव होना बाकी रह गया है। एक जून को संताथलपरगना की तीन सीटों पर मतदान होना है। 2024 के लोकसभा के चुनाव की चर्चा करे तो राजनीतिक दलों के लिए लिए झारखंड में लोकसभा का चुनाव एक बड़ी चुनौती बन गई है।

आंकड़े क्या कहते हैं ?

राज्य में लोकसभा के 14 सीटें है। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2019 के लोकसभा के चुनाव में एनडीए को 14 सीटों में से 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 2024 के लोकसभा के चुनाव के ठीक पहले चाईबासा से कांग्रेस कोटे पर लोकसभा का चुनाव जीतनेवाली गीता कोड़ा ने बीजेपी का दामन थामकर सभी कौ चौका दिया। गीता के बीजेपी में आने से एनडीए के पास 13 सीटें आ गई। इसके ठीक बाद जेमएमएम कोटे से जामा विधानसभा सीट की विधायक और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थामते हुए दुमका लोकसभा सीट पर बीजेपी कोटे से दावा ठोक दिया। इन दो घटनाक्रमों के कारण झारखंड में गठबंधन वाली पार्टियों में हलचल मच गई।

लेकिन अब संतालपरगना के तीन सीटों के लिए बचे चुनाव पर सभी की नजर है। इन तीनों सीटों की बात की जाए तो दुमका सीट पर बीजेपी से सीता सोरेन और जेएमएम के नलिन सोरेन की बीच सीधा मुकाबला दिखाई पड़ रहा है।

इधर साहेबगंज की बात करे तो यहां त्रिकोणीय मुकाबले की चर्चा तेज है। यहां पर बीजेपी से ताला मरांडी, जेएमएम से विजय हांसदा और निर्दलीय प्रत्याशी लोबिन हेम्ब्रोम चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इस बात की चर्चा तेज है कि जेएमएम कोटे के विधायक लोबिन हैम्ब्रोम विजय़ हांसदा को सीधे नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में यहां का मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है।

इलाके के सबसे हॉट सीट की बात की जाए तो गोड्डा सबसे हॉट सीट माना जा रहा है। यहां पर चर्चित बीजेपी कोटे के सासंस निशिकांत दुबे और कांग्रेसी प्रत्याशी प्रदीप यादव के बीच सीधा मुकाबला है। हालांकि इस सीट पर सभी राजनीतिक दल के लोग अपना दावा ठोकते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस सीट को भी हल्के में नहीं लिय़ा जा सकता है।

बहरहाल झारखँड में अगर सबसे बड़ी चुनौती है तो वह है कि एनडीए 14 में से कितनी सीटों पर कब्जा जमा पाती है।