पुलिस पदाधिकारियों को नौ से आठ हजार वार्षिक वर्दी भत्ता
- By rakesh --
- 24 Aug 2023 --
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#मुख्यमंत्री ने 7वें वेतनमान के आलोक में पुनरीक्षित एस.टी.एफ.भत्ता एवं अन्य विशेष सुविधा के प्रस्ताव को दी स्वीकृति
#एस.टी.एफ के पदाधिकारी/कर्मियों को 7वीं पीआरसी के मूल वेतन का 50 प्रतिशत एस.टी.एफ.भत्ता
#विभिन्न स्तर के पुलिस पदाधिकारियों को नौ से आठ हजार वार्षिक वर्दी भत्ता
#पुलिस उपाधीक्षक कोटि तक के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को राशन व्यय के रूप में प्रतिमाह 2400 रुपए
#मई 2019 से आदेश निर्गत होने की तिथि तक 7वें वेतनमान के अनुरूप भत्ता अंतर का भी भुगतान
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रांची
झारखण्ड जगुआर (STF) में कार्यरत सभी पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों को दिये जाने वाले विशेष सुविधा/भत्ता को 7वीं पीआरसी के आलोक में पुनरीक्षित करने के प्रस्ताव एवं तत्संबंधी मंत्रिपरिषद् के अनुमोदन हेतु संलेख प्रारूप पर मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी।
मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद ये होगा
विशेष कार्य बल (एस.टी.एफ) के पदों में पुलिस महानिरीक्षक से आरक्षी तक के पद तीन वर्षों के चक्रचालन के आधार पर झारखण्ड सशस्त्र पुलिस बल, जिला कार्यकारी बल एवं समान पुलिस बलों से प्रतिनियुक्ति/पदस्थापन के आधार पर तथा शेष पद नियुक्ति द्वारा भरे जायेंगे। राज्य में विशेष कार्य बल (एस.टी.एफ) में कार्यरत सभी पदाधिकारी/कर्मियों को 7वीं पीआरसी के मूल वेतन का 50 प्रतिशत एस.टी.एफ. भत्ता। पुलिस उपाधीक्षक कोटि तक के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को राशन व्यय के रूप में प्रतिमाह 2400 रुपए। सहायक पुलिस अवर निरीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक तक के सभी पदाधिकारियों को 9000 तथा हवलदार एवं आरक्षी कोटि के सभी कर्मियों को 8000 रूपये वार्षिक वर्दी भत्ता। 7वें वेतनमान के आलोक में पुनरीक्षित एस.टी.एफ. भत्ता एवं अन्य विशेष सुविधा आदेश निर्गत होने की तिथि से देय होने का प्रस्ताव है।मई 2019 से भत्ता पुनरीक्षण संबंधी आदेश निर्गत होने की तिथि तक झारखण्ड जगुआर में कार्यरत एवं इस अवधि में कार्य कर चुके पदाधिकारियों/कर्मियों को 7वें वेतनमान के अनुरूप मूल वेतन का 50% एस.टी.एफ. भत्ता तथा उक्त अवधि में भुगतान किये गये एस.टी.एफ. भत्ता का अन्तर राशि बकाया के रूप में भी भुगतान किया जाना है।
स्वीकृत अतिरिक्त पदों पर भी समान रूप से होगा प्रभावी
उक्त सुविधा STF को सुद्धढ़ीकरण हेतु समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये अतिरिक्त पदों पर भी समान रूप से प्रभावी रहने देने का प्रस्ता