दो हजार के नोटों के प्रचलन पर रोक की प्रक्रिया शुरू, किसको होगा फायदा, किसको नुकसान- बड़ा सवाल ?

 

केंद्र सरकार की पहल पर वर्तमान में देश में दो हजार के नोट की प्रचलन पर रोक चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि इस नोट के प्रचलन पर रोक को लेकर सरकार और आरबीआई की तरफ से इस बारे में विस्तृत जानकारी जरुर दे दी गई है। लेकिन जैसे ही दूसरी बार नोटबंदी जैसी प्रक्रिया शुरू की गई, वैसे ही झारखंड में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। राज्य सरकार चला रही पार्टी जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दूसरी बार की गई नोटबंदी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

 

हालांकि इस बार की नोटबंदी को लेकर राज्य में विपक्षी पार्टी के नेताओं ने सरकार के फैसले को सही ठहराया है। बीजेपी कोटे से गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने इस नोटबंदी पर कहा है कि लगातार छापों में दो हजार को नोट मिल रहे थे। इसलिए सरकार ने इसके चलन पर रोक लगा दी है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है।

 

वैसे तो दो हजार के नोट को लेकर पहले से ही इस तरह की चर्चा थी कि इसपर कभी भी रोक लग सकती है। लेकिन सरकार ने ऐसे समय पर एक बड़ा फैसला लिया है,जब देश में अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में इस फैसले का असर आखिर राजनीतिक दल के लोगों पर ज्यादा पड़ेगा या फिर आम जनता पर यह एक बड़ा सवाल है।