भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने रविदास टोला में मनाई अंबेडकर जयंती
- By rakesh --
- 14 Apr 2023 --
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भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री श्री कर्मवीर सिंह हुए शामिल
◆बाबा साहब के मूल्य और सिद्धांत हमें नई ऊर्जा देती है – कर्मवीर सिंह
◆14 अप्रैल को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि दी – कर्मवीर सिंह
◆बाबा साहब का मूल मंत्र “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है – कर्मवीर सिंह
◆बाबा साहब के सपनों का भारत, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं – कर्मवीर सिंह
भारत संविधान के शिल्पकार, आधुनिक भारतीय चिंतक, समाज सुधारक एवं भारत रत्न से सम्मानित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 132 वी जयंती आज पूरे देश में मनाई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश के प्रदेश कार्यालय में संगठन महामंत्री श्री कर्मवीर सिंह जी ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की।
मौके पर संगठन महामंत्री श्री कर्मवीर सिंह जी ने कहा कि बाबा साहब के मूल्य और सिद्धांत हमें नई उर्जा प्रदान करती है। आज भारत अपनी आजादी का अमृत वर्ष बना रहा है। आज हम सभी आजाद भारत के नागरिक हैं। आजादी का सही मायने हमें बाबा साहब ने दिखाया। उन्होंने संविधान का निर्माण कर भारत के सभी व्यक्तियों को समान अधिकार से जीने की स्वतंत्रता प्रदान की। उन्होंने समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति और शीर्ष पर बैठे बड़े नेता या अधिकारी दोनों को समान अधिकार दिया।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी बाबा साहब को जो सम्मान देश में मिलनी चाहिए थी वह उन्हें नहीं मिली। श्रधेय अटल बिहारी बाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बाबा साहब को भारत रत्न से नवाजा। वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब से जुड़े पांच स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया साथ ही 14 अप्रैल बाबा साहब की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे दश की बागडोर संभाली है तब से उनका पहला लक्ष्य समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति को सबसे अगली पंक्ति में लाना है। उनकी सभी योजनाओं में गरीब, दलित पिछड़े, शोषित, महिला, युवा, वृद्ध को प्राथमिकता दी गई है।
संगठन महामंत्री ने कहा कि आज हमें सिर्फ बाबा साहब को याद नहीं करना है बल्कि उनके मूल मंत्र “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। भारत विश्व गुरु के रूप में तभी विकसित होगा जब हम सभी मिलकर देश, समाज, राज्य के विकास में भागीदार बने।