पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप एनआइए के गिरफ्त में,आठ दिन के रिमांड पर

 

रांची। 25 लाख का ईनामी उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सरगना दिनेश गोप एनआइए की गिरफ्त में आते ही राज उगलने लगा है। नेपाल में अपना ठिकाना बनाकर घटनाओं को अंजाम देनेवाला दिनेश गोप को नाटकीय अंदाज में एटीएस ने नेपाल से गिरफ्तार कर लिया और रांची लेकर आ गई है। कोर्ट में पेश करने के साथ ही दिनेश गोप को आठ दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। एनआईए ने 14 दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल आठ दिन का रिमांड दिया है।

एनआईए सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी के साथ ही दिनेश गोप ने कई राज उगलने शुरू कर दिए हैं। सेना में रहकर कभी देश की सुरक्षा करने का सपना देखनेवाला दिनेश गोप किस परिस्थिति में उग्रवादी बना, इसपर भी अब चर्चा तेज है । दिनेश गोप मूल रूप से खूंटी जिला के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के लप्पा मोहराटोली का वशिंदा है। लोग बताते हैं कि वह सेना में जाने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने शारीरिक परीक्षा समेत दूसरी मेरिट लिस्ट को भी पूरा किया था. सेना ने पत्र भी दिनेश गोप को भेजा था, लेकिन वह उसे मिला ही नहीं।  उसी के गांव के कुछ दबंगों ने उस लेटर को दिनेश गोप तक पहुंचने नहीं दिया। सेना का लेटर न पहुंचने देने की जानकारी जब दिनेश गोप के भाई सुरेश को हुई तो वह दबंगों का विरोध करने लगा। दबंगों के विरोध करने की वजह से वह उनके निशाने पर आ गया और दबंगों से बचने के लिए वह नक्सलियो के साथ हो गया।

वर्ष 2000 में एनकाउंटर में दिनेश का भाई सुरेश गोप मारा गया। उसके बाद सुरेश के मारे जाने के बाद दिनेश गांव छोड़कर भाग गया और फौज में भर्ती होने की इच्छा त्याग दिया। जब वह गांव वापस लौटा, तब सीधा सादा दिनेश गोप नहीं था. वह उग्रवादी संगठन JLT के साथ लौटा. JLT का नाम ही आगे चलकर साल 2007 में PLFI हुआ. दिनेश इसका सुप्रीमो बना।

 

 

दिनेश गोप के लगातार सक्रिय प्रयासों से PLFI का आतंक खूंटी से शुरू होकर गुमला, सिमडेगा, चाईबासा, लोहरदगा सहित राजधानी तक भी पहुंच गया. आतंक ऐसा कि कोई भी कारोबारी हो या फिर ठेकेदार बिना इस संगठन को पैसे दिए इस इलाके में कोई भी काम नहीं कर सकता था. इस बीच दिनेश ने इस संगठन के लिए अकूत संपत्ति एकत्रित कर ली. इस क्रम में पुलिस के साथ मुठभेड़ में संगठन के कई बड़े और इनामी उग्रवादी मारे गए. लेकिन दिनेश बचता रहा था. पुलिस और NIA की टीम लगातार उसका पीछा कर रही थी, और आखिरकार NIA की टीम उस तक पहुंचने में कामयाब रही. जिसके बाद अब वह उसे लेकर रविवार को रांची पहुंच चुकी है, अब एनआईए की कोशिश उन चेहरों से पर्दा उठाने की है, अब PLFI रीढ़ टूट चुकी है.

 

वैसे तो दिनेश गोप के पकड़े जाने के बाद पीएलएफआई PLFI का अस्तित्व लगभग समाप्ति की ओर है. लेकिन, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दिनेश गोप के बाद दूसरा बड़ा नाम मार्टिन केरकेट्टा और दुर्गा सिंह संगठन की कमान संभाल सकता हैं. मार्टिन केरकेट्टा गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के रेड़वा गांव का रहने वाला है. जबकि, दुर्गा सिंह रांची जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के जरिया, जमाकेल गांव का रहने वाला है. ज्ञात हो कि दिनेश को मजबूती तब मिली थी जब भाकपा माओवादी के मसीह चरण पूर्ति ने दिनेश का दामन थाम लिया था.