वक़्फ़ की 1.3 एकड़ की क़ीमती लीज़ ज़मीन बचाने की मुहिम तेज !

चाईबासा की वक़्फ़ ज़मीन को बचाने के लिए वक़्फ़ बोर्ड झारखंड की अहम पेशक़दमी — मंत्री दीपक बिरुवा से हुई तफ़सीली मुलाक़ात

चाईबासा: झारखंड वक़्फ़ बोर्ड की एक अहम वफ़द ने दिनांक 24 अप्रैल 2025 को चाईबासा का दौरा किया, जिसमें बोर्ड के सक्रिय सदस्य जनाब इबरार अहमद, वरिष्ठ अधिवक्ता कलाम रशीदी व महबूब आलम अंसारी शामिल थे। इस दौरे का मक़सद चाईबासा स्थित वक़्फ़ की उस 1.3 एकड़ की क़ीमती लीज़ ज़मीन को बचाना था, जो कि पिछले कुछ अरसे से बदहाली का शिकार है।

इस ज़मीन पर मदरसा, मकान, स्कूल और कई दुकानें मौजूद हैं, लेकिन लंबे समय से रख-रखाव और प्रबंधन में कोताही के चलते आज यह सम्पत्ति न सिर्फ़ अपनी हालत पर आँसू बहा रही है, बल्कि लीज़ की बकाया भारी रक़म के कारण राज्य सरकार द्वारा इसके अधिग्रहण का ख़तरा भी मंडरा रहा है।

इस नाज़ुक स्थिति को संजीदगी से लेते हुए वक़्फ़ बोर्ड झारखंड की वफ़द ने चाईबासा सर्किट हाउस में झारखंड सरकार के भू-सुधार व परिवहन राज्य मंत्री माननीय श्री दीपक बिरुवा से तफ़सीली मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में वफ़द ने पूरी स्थिति से वाज़ेह तौर पर मंत्री जी को आगाह किया और उनसे दरख़्वास्त की कि इस वक़्फ़ ज़मीन को अधिग्रहण से बचाया जाए और इसके सुचारू संचालन व संरक्षण हेतु आवश्यक प्रशासनिक मदद उपलब्ध कराई जाए।

वफ़द में मौलाना आज़ाद ह्यूमेन इनिशिएटिव (MAHI) के हाजी नवाब व ख़ालिद सैफुल्लाह भी शरीक रहे। सभी हज़रात ने एकमत होकर ज़ोर दिया कि यह वक़्फ़ सम्पत्ति केवल ज़मीन का टुकड़ा नहीं बल्कि तालीम, तहज़ीब और तरक़्क़ी का एक ज़रिया है, जिसे सहेजना हम सब की सामूहिक ज़िम्मेदारी है।

इबरार अहमद, सदस्य वक़्फ़ बोर्ड, ने कहा:

“हमारी कोशिश है कि वक़्फ़ की इस अहम जायदाद को ना सिर्फ़ बचाया जाए, बल्कि उसे एक तालीमी व समाजी मरकज़ के तौर पर दोबारा आबाद किया जाए। अगर अब भी हमने ख़ामोशी इख़्तियार की, तो आने वाली नस्लें हमें माफ़ नहीं करेंगी।”
वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता कलाम रशीदी ने कहा:
झारखण्ड वक़्फ़ बोर्ड झारखण्ड स्थित वक़्फ़ की सभी संपत्तियों के प्रति गंभीर है जिसका बहुत जल्द कागजात इकट्ठा कर डिजिटलीकरण कराया जाएगा और वक़्फ़ की जो भी संपत्ति अतिक्रमित है उसे जल्द अज़ जल्द कानूनी प्रक्रिया के तहत अतिक्रमण मुक्त कराने की कोशिश की जाएगी।

वक़्फ़ बोर्ड सदस्य महबूब आलम ने कहा: वक़्फ़ बोर्ड की यह पहल समाज में जागरूकता बढ़ाने और वक़्फ़ सम्पत्तियों के संरक्षण के लिए जरूरी है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले को प्राथमिकता से लेते हुए सकारात्मक क़दम उठाएगी।