2.60 लाख रु. प्रति किलो बिकता है ये आम ! इसकी खूबियां जानकर रह जाएंगे दंग

फलों के राजा आम की कई किस्में हैं, जैसे दशहरी, लंगड़ा, चौसा और अलफॉन्सो आदि। आम कई किस्मों, स्वाद और गुणों के कारण काफी मशहूर होता है। इसका सेवन लोग कई तरह से करते हैं। वहीं, इन दिनों एक और आम की चर्चा जोरों पर है, और वो है मियाजाकी आम।

क्या है ये मियाजाकी आम ?

जानकारी के मुताबिक, ये दुनिया की सबसे महंगी आम की किस्म है। इसका नाम ‘ताइयो-नो-टोमागो’ या ‘एग्स ऑफ सनशाइन’ भी है जिसके नाम से ये बेचा जाता है। साधारणत: आमों के अन्य किस्में हरे और पीले रंग में होती है, लेकिन इस आम का रंग गहरा लाल है। आकार में ये डायनासोर के अंडे की तरह दिखता है।

क्या है खास इस आम में ?

ये आम जापान में उगाया जाता है। मियाजाकी आम का नाम जापान के एक शहर ‘मियाजाकी’ के नाम पर रखा गया है। जहां इस फल को मुख्य रूप से उगाया जाता है। लगभग 350 ग्राम के वजन वाले इस आम में एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे गुण होते हैं। इसमें शुगर 15 प्रतिशत या अधिक होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। ये फल अप्रैल और अगस्त के महीनों के बीच होता है। ये जापान में बिकने वाले सबसे महंगे फलों में से एक है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस किस्म की शुरुआती कीमत रु 8,900/- रुपये है। ये आम अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में दो लाख 60 हजार रुपये किलो तक बिका है। अन्य देशों में निर्यात किए जाने से पहले इन आमों की सख्त जांच और परीक्षण की जाती है।

चर्चा में क्यों है ये आम ?

ये किस्म जापान, थाईलैंड, फिलीपींस और भारत में उगाई जाती है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बागवान दंपति ने दावा किया कि उन्होंने आम की इस किस्म को उगाया है। इन अनोखे आमों की चोरी होने से बचाने के लिए उन्हें चार गार्ड और सात कुत्ते लगाने पड़े।

कोहितूर महंगे आमों की सूची में है शामिल

दुनिया भर में उपलब्ध आम की अन्य महंगी किस्मों में कोहितूर शामिल है। ये भारत के सबसे महंगे आमों में से एक है। इसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में उगाया जाता है। ये 1500 रुपये प्रति पीस तक बिकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस किस्म को पहली बार 18वीं सदी में उगाया गया था।