यरुशलम। इजराइल के प्रधानमंत्री पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, कोर्ट में सुनवाई शुरु
- By admin --
- 04 May 2020 --
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यरूशलम। इजराइल की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नई गठबंधन सरकार बनाने के खिलाफ सुनवाई शुरू कर दी है। नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। वे अपने विपक्षी बेनी गांत्ज के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। इजराइल के नागरिक इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट में नेतन्याहू को सरकार बनाने से रोकने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
याचिकाओं की सुनवाई के लिए 11 जजों का पैनल बनाया गया है। इस मामले की सुनवाई का सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट और देश के प्रमुख टीवी चैनलों पर लाइव टेलीकास्ट किया गया। नेतन्याहू के सरकार बनाने के खिलाफ आठ याचिकाएं दायर की गई हैं। इस पैनल की अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट की प्रेसीडेंट ईस्थर हायत ने कहा कि अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जिसमें नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे होने के कारण सरकार बनाने से रोकने की मांग की गई है।
इजराइल में पक्ष-विपक्ष में गठबंधन सरकार में बनी है सहमति
इजराइल में एक साल के भीतर तीन बार आम चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में न तो नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के गठबंधन और न ही बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के गठबंधन को बहुमत मिला है। 20 अप्रैल को बेंजामिन नेतन्याहू और उनके विपक्षी बेनी गांत्ज में मिलीजुली सरकार बनाने को लेकर सहमति बन थी। इस समझौते से नेतन्याहू प्रधानमंत्री बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट अगर इन समझौते के खिलाफ फैसला देता है तो देश में चौथे चुनाव का संकट खड़ा हो जाएगा।
लोग कर रहें है प्रदर्शन
गठबंधन सरकार को लेकर हुए समझौते के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस समझौते से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाएगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर बनी सहमति लोकतंत्र को कुचलने वाली है। गठबंधन सरकार में नेतन्याहू सत्ता में बने रहेंगे और न्यायाधीशों की नियुक्ति में दखल दे सकेंगे। इसके चलते न्यायाधीश एवं अधिकारी नेतन्याहू को भ्रष्टाचार के आरोपों से बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं।
नेतन्याहू बहुमत पाने से तीन सीट से चूक गए थे
2 मार्च को हुए तीसरी बार चुनाव में लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) अगुआई वाले राइट विंग संगठन को 58 सीटें मिली थीं। मुख्य विपक्षी बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट) अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली थीं। 120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। चुनाव में इन मुख्य पार्टियों के अलावा अन्य छोटी पार्टियों ने 15 सीटें हासिल की थीं। इस चुनाव में नेतन्याहू बहुमत पाने से तीन सीट चूक से गए थे।