भारत-पाकिस्तान तनातनी, आटा-चावल से लेकर चिकन तक लोगों की पहुंच से बाहर

भारत के फैसलों का दिखने लगा असर

नई दिल्ली।पहलगाम के आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी (India-Pakistan Tension) बढ़ती जा रही है. भारत द्वारा हमले के तुरंत बाद लिए गए फैसलों से एक ओर जहां पड़ोसी मुल्क पानी के लिए परेशान है, तो वहीं ट्रेड बंद होने से करीब 3800 करोड़ रुपये का द्विपक्षीय व्यापार ठप पड़ेगा.ऐसे में पहले से महंगाई की आंच में झुलस रहे पाकिस्तानियों (Pakistan Inflation) के लिए उन जरूरी सामानों को खरीदना भी मुश्किल हो सकता है, जो भारत से भेजे जा सकते हैं, इनमें दवाइयों से लेकर रोजर्मरा की जरूरत के सामान शामिल हैं और इनकी किल्लत से कीमतों में जोरदार इजाफा हो सकता है.
3800Cr से ज्यादा के कारोबार पर ब्रेक!
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल अटारी के वाघा बॉर्डर के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच 3838.53 करोड़ रुपये का द्विपक्षीय कारोबार (India-Pak Trade) हुआ था. ये आंकड़ा लैंड पोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक है और इस कारोबार में भारत में अफगानिस्तान व अन्य देशों से पाकिस्तान के रास्ते आने वाले सामान भी शामिल हैं. अब पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack ) के मद्देनजर अटारी में चेक पोस्ट बंद करने के भारत के फैसले से इस कारोबार पर ब्रेक लग जाएगा.
पाकिस्तान में दवाओं समेत इन चीजों की होगी किल्लत
यहा बता दें कि भारत और पाकिस्तान में होने वाले ट्रेड में India की ओर से Pak में बड़ी मात्रा में दवाइयां, केमिकल और फ्रूट एंड वेजिटेबल, पोल्ट्री फीड भेजा जाता था, भारत पाकिस्तान से देश में ड्राई फ्रूट, जिप्सम और रॉक सॉल्ट समेत कई आइटम्स आते थे. ऐसे में अब बॉर्डर सील होने के बाद पड़ोसी मुल्क में दवाओं से लेकर अन्य जरूरी सामनों की किल्लत होने तय है, जिससे इनकी कीमतों में जोरदार इजाफा होगा और महंगाई की मार और भी अधिक बढ़ जाएगी.
एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने भारत के साथ व्यापार संबंधों के निलंबन के जवाब में दवा आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए इमरजेंसी उपाय शुरू कर दिए हैं. इसमें बताया गया कि वर्तमान में पाकिस्तान अपने फार्मास्यूटिकल कच्चे माल के 30% से 40% के लिए सीधे भारत पर निर्भर है.
खजाना खाली, महंगाई चरम पर, कैसे बचेगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इससे निकटने के लिए वह लगातार आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक से गुहार लगाता नजर आया है. हालांकि, देश के सरकारी खजाने में कुछ रिकवरी देखने को जरूर मिली है, लेकिन अभी भी ये हालात से निपटने में नाकाफी ही है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़ों पर नजर डालें, तो ये करीब 15.75 अरब डॉलर है. वहीं दूसरी ओर भारत के फॉरेक्स रिजर्व को देखें, तो ये 686.2 अरब डॉलर है. अब खाली खजाने के साथ जो पाकिस्तान अपनी जरूरत की चीजें तक खरीदने में लाचार है, वो भारत से मुकाबले के लिए लगातार गीदड़भभकी देता नजर आ रहा है.
Inflation In Pakistan पर गौर करें, तो हालातों में मामूली सुधार के बावजूद अभी भी महंगाई का आलम ये है कि आटा-चावल से लेकर चिकन तक लोगों की पहुंच से बाहर ही नजर आ रहा है. इसका अंदाजा आप इनकी कीमतों को देखकर आसानी से लगा सकते हैं.
सामान कीमत (पाकिस्तानी रुपया में)
चिकन 798.89 पीकेआर/किलो
दूध 224 पीकेआर/लीटर
ब्रेड 161.28 पीकेआर/500 ग्राम
चावल 339.56 पीकेआर/किलो
अंडे 332 पीकेआर/दर्जन
सेब 288 पीकेआर/किलो
केला 176 पीकेआर/किलो
संतरा 216 पीकेआर/किलो
टमाटर 150 पीकेआर/किलो
आलू 105 पीकेआर/किलो
प्याज 144 पीकेआर/किलो
महंगाई की मार से बिलख रहे पाकिस्तान के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों का असर आम लोगों पर पड़ने वाला है और एक बार फिर देश में खाने-पीने की चीजों के साथ ही रोजमर्रा की जरूरत के सामानों की लूट मचती नजर आ सकती है. पाकिस्तान में साल 2024 में औसतन महंगाई दर 24 फीसदी के आस-पास रही, ऐसे में इसके और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
भारत के फैसलों का दिखने लगा असर
पहलगाम अटैक के बाद एक्शन मूव में आई भारत सरकार (Indian Govt Agains Pakistan) के फैसलों का असर पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट (Pakistan Stock Market) से लेकर वहां के लोगों पर दिखने लगा है. शेयर बाजार की बात करें, तो ये लगातार क्रैश हो रहा है और निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब रही है. दूसरी ओर 1960 में लागू हुए सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) पर रोक के फैसले से पाकिस्तान में पानी की किल्लत की बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. पानी पर छाई महंगाई की बात करें, तो रिपोर्ट के मुताबिक एक पानी की बोतल की कीमत पाकिस्तान (Pakistan Water Bottle Price) 105 पाकिस्तानी रुपये के आस-पास है।