रेड क्रॉस दिवस
- By admin --
- 08 May 2020 --
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1863 में स्थापित किए गए संगठन रेड क्रॉस अपने वॉलेंटियर वर्क यानी स्वयंसेवा के लिए जाना जाता है मानवीय जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के मिशन के साथ यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा में है। इस संस्था को साल 1917, 1944 और 1963 में नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है।
हेनरी ड्यूडेंट है संस्थापक
इसकी स्थापना हेनरी ड्यूडेंट ने की थी, जिनका जन्म आठ मई को ही हुआ था। इसलिए हर साल आठ मई को रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है। यह संस्था युद्ध और शांति के समय दुनियाभर के देशों की सरकारों के बीच समन्वय का काम करती है। इसका मुख्य कार्य मानव सेवा है। रेड क्रॉस सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य युद्ध या विपदा के समय होने वाली परेशानियों से राहत दिलाना है। युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की मदद करना और उनका इलाज करना इसके प्रमुख उद्देश्यों में रहा है, जबकि यह संस्था ब्लड बैंक से लेकर विभिन्न तरह की स्वास्थ्य और समाजसेवाओं में अपनी भूमिका निभा रही है। मानव सेवा को मूल कार्य मानने वाली यह संस्था महामारी जैसी आपदा में भी पीड़ितों की सहायता करती है। सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉस का चिह्न इस संस्था का निशान है, जिसका गलत इस्तेमाल करने पर जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है और यहां तक कि दोषी व्यक्ति की संपत्ति भी ज़ब्त की जा सकती है।
भारत में रेडक्रॉस सोसाइटी की 700 से भी अधिक शाखाएं
दुनिया के लगभग 210 देश इस संस्था से जुड़े हुए हैं। भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना साल 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार की गई। भारत में रेडक्रॉस सोसाइटी की 700 से भी अधिक शाखाएं हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी के सिद्धांतों को मान्यता साल 1934 में 15वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मिली, जिसके बाद इसे दुनियाभर में लागू किया गया।
साल 1948 में मनाया गया पहला रेड क्रॉस दिवस
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस सोसाइटी (IFRC) ने हर वर्ष इस दिवस को मनाए जाने की मांग की। जिसके बाद हर साल वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाने की शुरुआत हुई। आठ मई 1948 को पहला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया गया। साल 1984 में आधिकारिक रूप से इसका नाम वर्ल्ड रेड क्रॉस डे और रेड क्रेसेंट डे रखा गया।
रेड क्रॉस सोसाइटी का नारा
अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें। मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, सार्वभौमिकता और एकता जैसे सिद्धांतों पर कार्यरत इस संस्था की भूमिका कोरोना संकट के दौर में और भी जयादा महत्वपूर्ण हो गई है।