“स्किल आइकन” एवं प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसियों को किया गया सम्मानित

DDU-GKY के प्लेस्ड अभ्यर्थियों के लिए JSLPS द्वारा बेंगलुरु में आयोजित हुआ एलुमनी मिलन समारोह

झारखंड के युवा बना सकते हैं देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान। – श्रीमती दीपिका पांडेय ,मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग

“स्किल आइकन” एवं प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसियों को किया गया सम्मानित

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बेंगलुरु, कर्नाटक: ग्रामीण विकास मंत्री, श्रीमती दीपिका पांडेय ने कहा कि,”झारखंड के युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि यदि अवसर और उचित मार्गदर्शन मिले, तो वे देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं। हम सभी को आप पर गर्व है। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह न केवल आपके कौशल विकास में सहयोग करे, बल्कि आपकी सुरक्षित और सम्मानजनक आजीविका सुनिश्चित करने में भी हर संभव मदद करे। इस अवसर पर उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। कार्यक्रम में डीडीयू-जीकेवाई पर आधारित विशेष पुस्तक ’’कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर’ का विमोचन किया गया।

* झारखंड सरकार राज्य के युवाओं की कौशल विकास और उन्नति के लिए प्रतिबद्ध*

श्रीमती दीपिका पांडे ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य के युवाओं की कौशल विकास और उन्नति के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ है, चाहे वे झारखंड में हों या देश के किसी अन्य हिस्से में। श्रीमती दीपिका पांडेय रविवार को झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी, ग्रामीण विकास विभाग, द्वारा बेंगलुरु में आयोजितDDU-GKY के अंतर्गत प्लेस्ड अभ्यर्थियों के लिए एक एलुमनी मिलन समारोह-2025 को संबोधित कर रही थीं।

* JSLPS द्वारा DDU-GKY योजना के प्रभावी क्रियान्वयन सराहनीय*

मंत्री पांडेय ने JSLPS द्वारा DDU-GKY योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की सराहना करते हुए कहा कि इस फ्लैगशिप कार्यक्रम ने झारखंड के हजारों युवाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है। मंत्री महोदया ने विशेष रूप से बेंगलुरु में जेएसएलपीएस द्वारा स्थापित माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर का उल्लेख किया, जो झारखंड के बाहर कार्यरत युवाओं को सहयोग प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

* कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में कार्यरत झारखंड के युवाओं को एक साझा मंच प्रदान करना*

इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में कार्यरत झारखंड के युवाओं को एक साझा मंच प्रदान करना था, जहां वे अपने अनुभव साझा कर सकें, एक-दूसरे से संवाद कर सकें और अपने विकास की यात्रा का उत्सव मना सकें।माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के कुशल और संवेदनशील नेतृत्व में झारखंड सरकार अपने हर युवा विशेषकर महिलाओं को कौशल विकास के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसी कड़ी में जेएसएलपीएस द्वारा अबतक 85 हज़ार से ज़्यादा युवाओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

* जेएसएलपीएस द्वारा बेंगलुरु एवं हरियाणा में स्थापित माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर झारखंड के युवाओं की समस्याओं का करता है समाधान*

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीईओ, जेएसएलपीएस श्रीमती कंचन सिंह ने माननीय ग्रामीण विकास मंत्री, PIA (Project Implementing Agencies) के प्रतिनिधियों, भारत सरकार के प्रतिनिधि, एवं उपस्थित सभी अभ्यर्थियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का उद्देश्य बताया। उन्होंने बताया कि इस तरह के एलुमनी मीट का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि प्लेस्ड युवाओं को निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहे। उन्होंने जेएसएलपीएस द्वारा बेंगलुरु एवं हरियाणा में स्थापित माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर का जिक्र करते हुए कहा कि यह केंद्र न केवल कार्यरत झारखंड के युवाओं की समस्याओं के समाधान में मदद करता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और मानसिक समर्थन भी प्रदान करता है।

इस कार्यक्रम में लगभग 850 प्लेस्ड अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जो विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में कार्यरत हैं। कार्यक्रम में उत्साह और उमंग का माहौल रहा, जिसमें युवा प्रतिभाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का भी प्रदर्शन किया। नृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुति जैसी गतिविधियों ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

* “स्किल आइकन” सम्मान समारोह का भी किया गया आयोजन*

समारोह के दौरान “स्किल आइकन” सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों और योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में योगदान देने वाली प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसियों (PIAs) को सम्मानित किया गया। इन सम्मानित युवाओं ने न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि झारखंड राज्य का गौरव भी बढ़ाया है।
कार्यक्रम के दौरान कई अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे DDU-GKY परियोजना ने उनके जीवन में नया मोड़ लाया। उन्होंने अपने प्रशिक्षण, नौकरी पाने के संघर्ष और आज के अपने आत्मनिर्भर जीवन की कहानियाँ साझा कीं, जो सुनने वालों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहीं।