श्रमिक संघ ने 6:00 घंटा ऊर्जा विकास को बंद करके रखा

श्रमिक संघ ने 6:00 घंटा ऊर्जा विकास को बंद करके रखा
अजय राय ने कहा कि निगम के अंदर दलालों का संगठित गिरोह चल रहा है

अपनी पांच सूत्री मांगो के समर्थन मे झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व मे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत श्रमिक संघ के हजारों सदस्यों ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय धुर्वा का घेराव किया!इस दौरान निगम के दोनों गेट 12:30 से संध्या 6:00 बजे तक मानव दिवस कर्मियों ने जाम कर के रखा जिसके कारण अंदर से बाहर लोगो नहीं आ जा सक रहे थे!

इससे पूर्व धुर्वा गोलचक्कर मैदान से जुलुस निकाला गया जो प्रोजेक्ट भवन सेकरेटेरियट से होते हुए ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय पंहुचा और वहा जोरदार प्रदसन का कार्यक्रम सुरु कर दिया गया ! इस दौरान विधुत कर्मी अपने हाथो मे प्ले कार्ड लिए हुए नारे लगाते हुए चल रहे थे जिसमे संघ की ओर से मांग की गई थी की लगातार 10 साल तक काम किये हुए विधुत कर्मियों का समायोजन हाईकोर्ट के आदेश के तहत किया जाय, आउटसोर्स बंद कर पुरानी ब्यवस्था लागु करो, सामान काम के बदले सामान वेतनमान दो, हेमंत सोरेन का किया वादा आउटसोर्स ख़त्म करने का चंपाई सोरेन पूरा करो, अधिकारियो की तरह डीजनेशन मैपिंग कर्मचारियों का करना होगा, आने वाली बहाली मे वर्तमान विधुत कर्मियों के लिए प्राथमिकता तय करो आदि नारे लगा रहे थे!

इस अवसर पर संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा की निगम अभी वर्तमान मे हाईकोर्ट के आदेश को आईवास करने का काम किया है जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता!

उन्होंने कहा की सिर्फ 80अनुबंधकर्मियों का नियमित कर निगम भाग नहीं सकता बल्कि जो भी मानव दिवस कर्मी 2014 के बोर्ड के सर्वे के तहत 10 वर्ष पूरा कर लिए है उन सभी को नियमित करना होगा! चुकी आज भी वो विधुत कर्मी आउटसोर्स मे काम कर रहे है!
अजय राय ने कहा की वर्तमान मे निगम के अंदर दलालनुमा अधिकारी अपनी स्वार्थपूर्ति मे लगे हुए है और उनके द्वारा नियम परिनियम का धज्जिया उड़ाया जा रहा है जिसका उदाहरण करमचारियों का डीजनेसन मैपिंग है वही दूसरा उदाहरण हजारीबाग मे कर्मचारियों को पहले परमोसन के साथ एरियर दिया जाता है और फिर साल भर बाद उनके सैलरी से दिए गए रकम वसूल किये जा रहे है!

शाम मे जिमएच आर एवम सम्बंधित एवं संबंधित पदाधिकारी के साथ में वार्ता हुई जिसमे आश्वासन दिया गया की सम्बंधित मांग पर विचार किया जायेगा!वार्ता की प्रति सोमवार को दी जाएगी!

संघ की ओर से निम्नलिखित बाते ज्ञापन मे कहा गया है जो निम्न है ——-

उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार तथा नरेंद्र तिवारी एवं अन्य बनाम झारखंड सरकार के आदेशानुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मी को भी नियमित करने के संदर्भ मे निदेशक मंडल की 64वीं बैठक में दिनांक 6.2.2024 को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के कुल 70 एवं ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के 10 कर्मियों को कर्नाटक राज्य बनाम उमा देवी तथा नरेंद्र कुमार तिवारी एवं अन्य बनाम झारखंड सरकार के आदेश अनुसार नियमितीकरण के प्रस्ताव पर अंतिम रूप से अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। वर्ष 2007 से यह कर्मचारी आशातीत थे संघ इसके लिए बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता है।
परंतु उपरोक्त विषय एवं प्रसंग के आलोक में कहीं ना कहीं इस अनुमोदन पर दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के साथ नाइंसाफी हुई है जहां आज कुल मिलाकर पूरे राज्य में लगभग 7000 दैनिक वेतन भोगी कार्यरत है !

ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड एवं तीनों अनुषंगी कंपनियों में कार्य कुशलता दिखा रहे हैं जिसका परिणाम है कि विगत 6 माह में निगम की वित्तीय व्यवस्था का आंकड़ा भी पहले से काफी ऊपर आ चुका है यह वही कर्मचारी हैं जो लाइन मेंटेनेंस, 220/132KV,132/33 KV संचरण, 33/11KV वितरण में फील्ड की बिजली व्यवस्था, बिजली चोरों के ऊपर प्राथमिकी से लेकर अन्य सभी विभागीय कार्यों में सरकारी कर्मचारियों के साथ कदम से कदम मिलाकर बराबर ही कार्य करते हैं, जबकि तनख्वाह उससे आधी ही मिल पा रही हैं परंतु ऊफ तक नहीं करते हैं निगम एवं तीनों अनुषंगी कंपनियों की लगभग 80% व्यवस्था इन्हीं के कंधों पर टिकी हुई है फिर भी महाशय उस नियमितीकरण की सूची में एक भी दैनिक वेतन भोगी कर्मी का नाम नहीं है?आखिर ऐसा क्यों हुआ श्रीमान जबकि शुरू से आंकड़ा देखा जाए तो कई मानव दिवसकर्मी 20 और 25 वर्षों से लगातार कार्यरत है !

आपके विभाग में वर्ष 2014 में बनी कमिटी द्वारा संपूर्ण राज्य के दैनिक वेतन भोगीकर्मी की गणना वाली फाईल उनके जॉइनिंग तिथि तथा पद के साथ प्रमाण स्वरूप आज भी विभाग में मौजूद है। आखिर यह मान्यवर आपका कैसा न्याय है?
संघ इसका विरोध करते हुए ऊर्जा विकास निगम से निम्न मांगे करता है-

(1) मान्यवर वर्ष 2014 के सर्वे में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मी जो वर्तमान में भी कार्यरत ही है को कर्नाटक तथा झारखंड हाईकोर्ट के जजमेंट के आधार पर 10 वर्ष वालों की सूची में शामिल करते हुए सीधा नियमित करने की कृपा किया जाए।

(2) मान्यवर समान काम का समान वेतन दिया जाए क्योंकि यह कर्मचारी भी सरकारी कर्मचारियों के बराबर ही कार्य करते हैं।

(3) मान्यवर झारखंड सरकार द्वारा लागू पारा टीचर के तर्ज पर 60 वर्षों तक के लिए ऊर्जा विकास निगम एवं अनुषंगी कंपनियों में भी में भी उम्र सीमा निर्धारित कर दी जाए ताकि कर्मचारी भयमुक्त होकर जिम्मेवारी के साथ निगम हित में कार्य कर सकें।

(4) मान्यवर वर्ष 2017 के बाद एजेंसी व्यवस्था की शुरुआत हुई जिसमें कर्मचारियों की हालत पहले से भी बद से बदतर होती चली गई यथाशीघ्र एजेंसी व्यवस्था समाप्त कर पूर्व की मानव दिवस व्यवस्था लागू की जाए।

(5) मान्यवर निगम एवं तीनों अनुषंगी कंपनियां एक स्वायत्त संस्था है जो निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं जिस प्रकार से प्रबंधक,कनीय प्रबंधक तथा लेखा विभाग के लिए आंतरिक बहाली निकाली गई है इसी प्रकार तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पद के लिए भी आंतरिक बहाली निकलते हुए पूर्व से कार्यरत कुशल और अकुशल अंतिम कर्मियों तक को बहाल किया जाए,तभी जाकर ही बाहर के किसी भी अन्य को बहाल किया जाए। जिससे निगम हित में ट्रेनिंग करने के खर्च की भी बचत हो क्योंकि सब अपने आप में कार्य दक्ष एवं कुशाग्र है। आंतरिक बहाली निकलते हुए पूर्व से कार्यरत कुशल और अकुशल अंतिम कर्मियों तक को बहाल किया जाए,तभी जाकर ही बाहर के किसी भी अन्य को बहाल किया जाए। जिससे निगम हित में ट्रेनिंग करने के खर्च की भी बचत हो क्योंकि सब अपने आप में कार्य दक्ष एवं कुशाग्र है।

घेराव प्रदसन मे संघ के अध्यक्ष अजय राय, अमित शुक्ला, विजय सिंह, अनिकेत सिंह, कुणाल सिंह, प्रिन्स कुमार, बालगोविंद महतो, राजेश रवानी, शैलेन्दर सिंह, प्रमोद कुमार उत्पल दत्त, आनंद प्रामाणिक, मुकेश साहू, सुरेन्द्र कुमार, धीरेन्द्र पाण्डेय, महाबीर महतो, मनोज वर्मा, ओम कुमार, जलील अंसारी, इस्माइल अंसारी सहित हजारों कर्मी शामिल थे!