तूफान का असर, गिरा एतिहासिक तोरणद्वार

पलामू। पलामू का एतिहासिक राजा मेदिनीराय तोरणद्वार का छज्जा तेज हवा और वज्रपात की चपेट में आने से गिर गया है। जानकारी के अनुसार इस घटना में छह वाहनों की मलबे में दबने की सूचना है। इस दौरान जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। घटना मंगलवार के अपराहन तीन बजे के करीब की है। सतबरवा थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। सरजा -पोखराहा पंचायत में यह क्षेत्र पड़ता है।

वीओ- मालूम हो कि तोरणद्वार का निर्माण 1996 में बरवाडीह -बेतला मार्ग पर राजा मेदिनीराय की याद में कराया गया था। उसी साल राजा मेदिनीराय के याद में आदिवासी महाकुंभ मेला का आगाज मेदनीनगर के विधायक पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी और मनिका विधायक रामचंद्र सिंह चेरो के द्वारा शुरू किया गया था। आदिवासी महाकुंभ मेला समाज के लोगों का प्रमुख मेला है।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी मुखिया आनंद कुमार ने बताया कि एकाएक तेज हवा, बारिश तथा वज्रपात से संभवत तोरणद्वार का छज्जा गिरा है। उसके नीचे कई वाहन खड़े थे। एक पिकअप वैन, तीन टेंपो और दो बाइक मलबा के नीचे दबे हैं ।

मुखिया के अनुसार घटना के समय तेज हवा और बारिश से बचने के लिए वाहन और उसमें सवार लोग तथा चालक तोरणद्वार के नीचे खड़े थे। जबकि कुछ अन्य पास में स्थित मंदिर तथा यात्रीशेड खड़े थे। तेज हवा और बारिश से तोरणद्वार को भरभरा कर गिरते देख लोग जान बचाकर भाग निकले।

1990 के दशक में बनी दुबियाखाड़ द्वरा आज बज्रपात से क्षतिग्रस्त हो गया। लाइव पलामू न्यूज के सूत्रों के अनुसार उस समय के तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के द्वारा किया गया था उद्घाटन।