बिहार के तीन स्टार्ट-अप को मिला महारथी अवार्ड

बिहार के तीन स्टार्ट-अप को मिला महारथी अवार्ड

– नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में इन स्टार्ट-अप को मिला 1-1 लाख का पुरस्कार

– इसमें ईवाय डेल्टा, लेडी फेयर और भोजपत्ता नाम के इन तीन स्टार्ट अप को उल्लेखनीय कार्य के लिए चुना गया

पटना,

बिहार के तीन स्टार्ट-अप को महारथी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्र सरकार की तरफ से आयोजित प्रतिष्ठित स्टार्ट-अप महाकुम्भ कार्यक्रम में तीन स्टार्ट-अप ईवाय डेल्टा, लेडी फेयर और भोजपत्ता का चयन इस अवार्ड के लिए किया गया है। चयनित स्टार्ट-अप को 1-1 लाख रुपये कैश दिया गया है।

बिहार के इन स्टार्ट अप को अलग-अलग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया है।
लेडी फेयरः-
बिहार के इस लेडीफेयर ब्यूटी कंसेप्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को खासतौर के सौंदर्य आधारित व्यवसाय स्थापित करने के कारण चयनित किया गया है। इस कंपनी का लोकप्रिय नाम लेडीफेयर है। इसे सीधे उपभोक्ता श्रेणी यानी डी2सी (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस कंपनी की स्थापना ऋषि रंजन कुमार ने 2019 में की है। वह सीतामढ़ी जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने इस कंपनी की स्थापना यह सोच कर की थी कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को उनके घर पर ही सैलून वाली सभी सुविधाएं मिल सके। साथ ही महिलाओं को इसके माध्यम से जीविकोपार्जन का भी साधन मुहैया हो सके। इस कंपनी से जुड़ कर ग्रामीण इलाकों की 150 से अधिक महिलाएं ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण ले चुकी हैं, जो 12 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन महिलाओं की बदौलत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की आय कर लेती हैं। लेडीफेयर डिजिटल समावेश की बदौलत सामाजिक प्रभाव स्थापित करने के लिए तेजी से काम कर रही हैं।

लेडीफेयर का सालाना टर्नओवर वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर 36 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अभी 150 से अधिक महिलाएं को इसके जरिए नियमित रोजगार मिल रहा है। एक किराये के कमरे से शुरू हुआ यह स्टार्ट-अप आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करने में कामयाब हुआ है।

भोजपत्ताः-

भोजपत्ता एक कृषि आधारित स्टार्ट-अप है। इसकी कंपनी का नाम भोजपत्ता एग्रीप्रिन्यूर प्राइवेट लिमिटेड महज 4 लाख रुपये की शुरुआती मदद से शुरू हुआ ऐसा स्टार्ट-अप है, जिसे आज राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और स्टार्ट-अप के महाकुम्भ में महारथी अवार्ड से नवाजा गया। इसकी स्थापना 2021 में की गई थी। यह एक ऐसा इनोवेटिक स्टार्ट अप है, जो अपने शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले सोलर ड्रायर की मदद से फसलों की कटनी के बाद होने वाले नुकसान को काफी कम कर देता है। प्रिज्म तकनीक, प्राकृतिक फाइबर की मदद से एयर फिल्टर जैसे कई टिकाऊ और बहुउपयोगी समाधान प्रस्तुत करता है। इससे कृषि आधारित अवशिष्ट का फिर से सही तरीके से उपयोग करके इनका सदुपयोग करने का बेहतरीन माध्यम भोजपत्ता प्रस्तुत करता है। यह कंपनी सालाना 74 मिलियन टन कृषि अवशिष्ट का उपयोग करती है।

भोजपत्ता का सालाना टर्नओवर वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर 89 लाख हो गया है। यह 14 लोगों के समुह को नियमित रोजगार प्रदान कर रहा है। इस स्टार्ट-अप का दृष्टिकोण प्राकृतिक और संस्कृति को समेकित रूप से जोड़ना है। इस स्टार्ट अप को इससे पहले जैविक इंडिया 2022 में पहला पुरस्कार अर्जित किया था। इसका चयन एग्री उड़ान 5.0 और आईआईटी कानपुर के एसआईएल 3.0 और सेलको फाउंडेशन ने भी सराहनीय प्रयोग के तौर पर किया था। यह ग्रामीण सशक्तीकरण, हरित नवाचार और पर्यावरणीय अनुकूल जीवनयापन के तरीके को बढ़ावा देने के लिए खासतौर से जाना जाता है।

ईवाय डेल्टाः-

यह बिहार आधारित तकनीक आधारित स्टार्ट-अप है, जिसे स्टार्ट-अप महाकुम्भ में महारथी अवार्ड से नवाजा गया है। इसे रक्षा और स्पेस श्रेणी में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया गया है। इसकी पहली फंडिंग वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
यह स्टार्ट-अप मुख्य रूप से नेक्सट जेनरेशन इलेक्ट्रिक मोटर तकनीक को तैयार करने में अपने नवाचार के लिए खासतौर से जाना जाता है। मैगनेटिक फिल्ड ऑप्टिमाइजेशन, एडवांस थर्मल मैनेजमेंट और मॉड्यूलर डिजाइ में इनके कार्य उल्लेखनीय है। इनके तैयार मॉडल ऊर्जा बचत करने की खासियत रखने के साथ ही लंबे समय तक पूरी क्षमता से चलने के लिए जाने जाते हैं। खासतौर से तैयार इन मोटर का उपयोग ड्रोन, रोबोटिक्स और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी वाले प्लेटफॉर्म के लिए उपयोग में आते हैं।

स्टार्ट-अप बिहार में खासतौर से पहचान बनाने वाले इस ईवाय डेल्टा स्टार्ट-अप ने 11 फूल टाइम जॉब का सृजन किया है। इसके साथ ही इसे 15 हजार मोटर बनाने का उल्लेखनीय ऑर्डर भी प्राप्त हुआ है, जिसकी कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है। अब यह कंपनी विशेष तौर पर अपनी एक उत्पादन लाइन स्थापित करने जा रही है, जिसकी क्षमता 5 हजार मोटर प्रति महीने की होगी। यह आत्मनिर्भर भारत के तहत आधुनिक हार्डवेयर निर्माता की विशेष मुहिम में शामिल होने की कवायद में है। इसका विजन इसे वैश्विक स्तर पर स्मार्ट इलेक्ट्रिक प्रणेता के तौर पर शामिल होगा।